आदित्यपुर: लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व मिले इसके लिए आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (आयडा) प्रयत्नशील है. आयडा के पास जमीन का घोर अभाव है. इसलिए नये उद्योग लगाने के लिए आयडा जमीन खरीदने जा रहा है. अब प्लॉट का आवंटन भी नये तरीके से होगा. संबंधित उद्योग हेतु उपलब्ध प्लॉट के लिये समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाले जायेंगे. एक प्लॉट का एक से अधिक दावेदार होने पर उसकी बिड अर्थात उसकी बोली लगायी जायेगी.
सैकड़ों नये उद्योग लगने की उम्मीद
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में आयडा की नयी-पुरानी योजनाएं धरातल पर उतरने से सैकड़ों उद्योग लगने की उम्मीद है. आयडा की दो बड़ी योजना सेज व सिटी सेंटर अलग-अलग कारणों से अटकी हुई है, जबकि इएमसी के लिए तेजी से काम हो रहा है. सेज वन भूमि के पेंच में फंसा है और सिटी सेंटर का मामला अभी कोर्ट में है.
कोर्ट के आदेश पर लिया गया निर्णय
आयडा के एमडी युगल किशोर चौबे के अनुसार भूखंड का आवंटन पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर होता था, लेकिन 2012 में हाइकोर्ट का एक फैसला आया था. जिसमें निर्देश दिया गया कि जमीन के आवंटन में सरकार को नुकसान न हो और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा न मिले. भूखंड के आवंटन के लिये लॉटरी निकालने से राजस्व का नुकसान होता है और पहले आओ पहले पाओ तरीके में भ्रष्टाचार की पूरी संभावना रहती है. इसलिए वैसे भूखंडों का आवंटन भी अब नये तरीके से पूरी पारदर्शिता के साथ होगा, जिसका पहले का आवंटन रद्द कर दिया गया है. वैसे भूखंड का आवंटन रद्द किये जाने के करीब सौ से अधिक मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं.