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खतियानी डोमिसाइल ही मंजूर

जमशेदपुर : झामुमो के दसवें महाधिवेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को राजनीतिक प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान सभी वक्ताओं ने साफ कर दिया कि खतियानी डोमिसाइल के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है. किसी की भी स्थानीयता तय करने के लिए एक ही डोमिसाइल हो सकता है, लेकिन जिस तरह के डोमिसाइल को रघुवर सरकार […]

जमशेदपुर : झामुमो के दसवें महाधिवेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को राजनीतिक प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान सभी वक्ताओं ने साफ कर दिया कि खतियानी डोमिसाइल के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है. किसी की भी स्थानीयता तय करने के लिए एक ही डोमिसाइल हो सकता है,
लेकिन जिस तरह के डोमिसाइल को रघुवर सरकार पेश करना चाहती है, वह यहां के लोगों के लिए दोहरा मापदंड होगा. डोमिसाइल का नारा झामुमो का दिया हुआ है. इसलिए दूसरी पार्टियां सिर्फ अपने फायदे के लिए इसे पकड़ने का प्रयास कर रही है.
झामुमो के वरीय नेता सह पूर्व डिप्टी सीएम स्टीफन मरांडी ने कहा कि नियोजन के लिए सरकार के पास निश्चित रूप से एक नियोजन नीति होनी चाहिए. झामुमो अंतिम सव्रे के आधार पर जारी खतियान को ही मानने को तैयार है. कहीं पर यह सव्रे 1932 है, तो कहीं 1964-71 भी है.
ऐसी स्थिति में झामुमो की मांग है कि थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय खतियानधारियों को ही शामिल किया जाये. जन्म का स्थान और निवास ही स्थानीयता की पहचान हो सकती है. श्री मरांडी ने कहा कि स्थानीयता नीति और नौकरियों में आरक्षण को लेकर बदलाव का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, जिस पर जल्द ही फैसला होना चाहिए. झामुमो ने तय कर लिया है कि वह इस गंभीर मुद्दे पर चुप नहीं बैठनेवाला है.

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