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विभा शरण कार्यालय में नहीं रहती थी इसलिए हटा दिया

जमशेदपुर: स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि पूरे राज्य में पूर्वी सिंहभूम की स्थिति बदतर हो गयी थी. सिविल सजर्न डॉ विभा शरण ऑफिस में कभी नहीं रहती थी, इस कारण उन्हें यहां से हटाकर एसीएमओ बनाया गया. श्री चंद्रवंशी शनिवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे […]

जमशेदपुर: स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि पूरे राज्य में पूर्वी सिंहभूम की स्थिति बदतर हो गयी थी. सिविल सजर्न डॉ विभा शरण ऑफिस में कभी नहीं रहती थी, इस कारण उन्हें यहां से हटाकर एसीएमओ बनाया गया. श्री चंद्रवंशी शनिवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे एमजीएम अस्पताल की स्थिति देखने आये हैं. वे यहां की र्दुव्‍यवस्था देख चकित हो गये. अस्पताल में जहां-तहां गंदगी फैली थी.

शौचालय बहुत गंदे थे. मरीजों के बीच में शव रखा हुआ था. उन्होंने एक सप्ताह में इसमें सुधार लाने का निर्देश एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक को दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल की स्थिति में सुधार नहीं होने पर अधीक्षक सस्पेंड किये जायेंगे, वहीं अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी. राज्य में सिविल सजर्न के स्थानांतरण पर उठ रहे सवाल तथा जूनियर के नीचे सीनियर की पोस्टिंग के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ ही लोगों के साथ हुआ है. उनके खिलाफ निगरानी समेत अन्य जांच चल रही है. जांच-शिकायत की मोटी फाइल बन चुकी थी, इसलिए उन पर कार्रवाई की गयी है. स्थानांतरण के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर होने और स्टे लगने के संबंध में कहा कि सरकार इस मुद्दे पर जवाब देगी.

श्री चंद्रवंशी ने अब तक की उपलब्धियों के बारे में कहा कि डॉक्टरों के प्रोमोशन के लिए उन्होंने सेल बनाया है. असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों की मदद के लिए आय सीमा 12 हजार से बढ़ा कर 72 हजार तक किया. मलेरिया विभाग के लिए 1850 एमपीडब्ल्यू को स्थायी किया. डॉक्टरों के रिक्त पद पदों को भरने के लिए उन्होंने कैबिनेट में प्रस्ताव दिया है कि 1071 डॉक्टरों को मौखिक इंटरव्यू लेकर जहां रिक्ति है, वहां भर दिया जाये. सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार के लिए मेदांता के साथ सरकार की एमओयू की प्रक्रिया चल रही है. एक माह के अंदर प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. उन्होंने कहा कि एमजीएम अस्पताल में भवन मरम्मत के लिए गत वर्ष पांच करोड़ रुपये मिले थे बावजूद भवनों की स्थिति में सुधार नहीं होने की वे निरीक्षण के दौरान जांच करेंगे.

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