– त्रिलोचनसिंह–
– इन थानों में हैं प्राइवेट चालक
– बागबेड़ा, बिष्टुपुर, जुगसलाई, बर्मामाइंस, कदमा, सोनारी, साकची, सिदगोड़ा, टेल्को, उलीडीह
जमशेदपुर : शहर के अधिकांश थानों के प्रभारी से ज्यादा रुतबा उनकी जिप्सी चलाने वाला प्राइवेट चालक रखता है. थानेदार के हाथ में फाइल होती है, तो प्राइवेट चालक वायरलेस सेट संभालता है. लोगों को चमकाता है. पुलिस विभाग का चालक होने के बाद भी निजी चालकों से काम लिया जाता है.
इन प्राइवेट चालकों को वेतन चाहे जितना मिलता हो, लेकिन थानेदार की गाड़ी चलाने का पूरा–पूरा लाभ मिलता है. मौका देख कई मामले में गैर वाजिब हस्तक्षेप भी करता है.
इतना ही नहीं, साधारण मारपीट, पारिवारिक विवाद समेत अन्य मामलों में समझौता का प्रयास प्राइवेट चालकों की देखरेख में ही होता है. कुछ थाना प्रभारी ऐसे भी हैं, जिनका दूसरे थाने में तबादला हो जाता है, तो वहां से प्राइवेट चालक को वर्तमान थाना में बुला लेते हैं.
कुछ प्राइवेट चालक ऐसे भी हैं, जिन पर कई गंभीर आरोप हैं, फिर भी उन्हें थाने में रखा जाता है.
बच्चे को ठोकर मार दी थी
बागबेड़ा में तीन वर्ष पूर्व प्राइवेट जीप चालक ने बागबेड़ा रोड नंबर एक में एक बच्चे को ठोकर मार दी थी. इसके विरोध में बागबेड़ा में हंगामा हुआ था. बाद में उसे हटा दिया गया था. साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की गयी थी.