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श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट हों

करनडीह: सैकड़ों छोटे उद्योग बंद हो चुके हैं. बड़े-बड़े उद्योगों में वीआरएस के नाम पर मजदूरों से रोजगार छीने जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र कीमजदूर विरोधी नीति के खिलाफ पूरे राष्ट्र के मजदूरों को एक होना होगा. उक्त बातें करनडीह के कॉमरेड एचएम उपाध्याय हॉल ( पं रघुनाथ मुमरू सभागार) में इंडियन फेडरशन ऑफ […]

करनडीह: सैकड़ों छोटे उद्योग बंद हो चुके हैं. बड़े-बड़े उद्योगों में वीआरएस के नाम पर मजदूरों से रोजगार छीने जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र कीमजदूर विरोधी नीति के खिलाफ पूरे राष्ट्र के मजदूरों को एक होना होगा. उक्त बातें करनडीह के कॉमरेड एचएम उपाध्याय हॉल ( पं रघुनाथ मुमरू सभागार) में इंडियन फेडरशन ऑफ ट्रेड यूनियन (इफ्टू)के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड बी प्रदीप ने कही. इसका आयोजन यूरेनियम कामगार यूनियन द्वारा किया गया था.
स्थायी नियुक्ति पर प्रतिबंध
उन्होंने कहा कि बड़ी- बड़ी कंपनियों में स्थायी नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. स्थायी कार्य में अस्थायी मजदूर लगाये जा रहे हैं. इफ्टी के राष्ट्रीय सदस्य कॉ वीके पोटोले ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन योजना लागू करने जा रही है. फैक्ट्री कानून, औद्योगिक विवाद कानून, ठीका श्रम उन्मूलन कानून आदि नियमों का संशोधन कर मजदूरों के बुनियादी अधिकारों पर हमला करने का प्रयास किया जा रहा है. इफ्टू के प्रांतीय महासचिव कॉ व्यास तिवारी ने कहा कि अपरेंटिस कानून में संशोधन कर कंपनियों ने अपरेंटिसों के स्थायी होने का रास्ता बंद कर दिया गया है. कार्यक्रम का संचालन राजाराम सिंह ने की.
जिन्होंने विचार रखे
सीआर मांझी, कॉ सियाशरण, शोभा दे, सीमा कुमारी, रामसाई सोरेन, धनीराम किस्कू, परवेज अहमद, रमा प्रसाद व अन्य.

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