(फोटो आयी होगी)जुगसलाई में शिव पुराण कथा का तीसरा दिनजमशेदपुर : देवी पार्वती की सती के रूप में पूजा होती है और सती वास्तव में शिव की शक्ति पुंज हैं. सती ने कठोर तप कर शिव को प्राप्त किया. जुगसलाई माहेश्वरी मंडल में चल रहे सात दिवसीय शिव पुराण कथा यज्ञ के तीसरे दिन प्रवचनकर्ता रामनिवासाचार्य जी ने पार्वती जन्म, नारद-हिमालय संवाद एवं पार्वती की तपस्या के प्रसंग की कथा सुनाते हुए उक्त बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भागवत एवं शिव पुराण में 60-60 कन्याओं के एक ही परिवार में जन्म लेने का उल्लेख मिलता है, जिनमें से 27 कन्याओं का विवाह दक्ष ने चंद्रमा से करवाया, 13 कन्याओं का विवाह कश्यप के साथ, एक का अग्नि के साथ एवं एक कन्या का विवाह पित्रेश्वर के साथ करवाया गया. आचार्य जी ने आज आधुनिक जीवन शैली एवं विज्ञान पर बोलते हुए कहा कि आधुनिक विज्ञान का आधार तो भारतीय वेद और पुराण है. इनमें वर्णित तथ्यों पर आज शोध चल रहा है. आज की कथा में राधेश्याम सारडा, विकास सारडा, श्याम सुंदर सारडा, ओमप्रकाश मूंधड़ा, नवल आगीवाल, ओमप्रकाश कैलाश धूत, डॉ एमडी माहेश्वरी, छीतरमल धूत, विश्वनाथ आगीवाल, गोपालदास माहेश्वरी, गोविंद सारडा, उषा बागड़ी, सुमन आगीवाल, मधु सारडा, प्रह्लाद जाखोटिया, निर्मला धूत, कविता धूत, सत्यनारायण बिनानी, रतन लाल अग्रवाल, रामेश्वर लाल शर्मा आदि उपस्थित थे.
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सती शिव की शक्तिपुंज हैं : रामनिवासाचार्य
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