इंडियन केबुल वर्कर्स यूनियन वरीय संवाददाता, जमशेदपुर इंडियन केबुल वर्कर्स यूनियन के महामंत्री रामबिनोद सिंह ही हैं. अपीलेट ऑथोरिटी फॉर इंडस्ट्रियल एंड फाइनांसियल रिकंस्ट्रक्शन (आयफर) ने अपने फैसले यह बात कही है. आयफर के फैसले की कॉपी पहुंच गयी है. केबुल कंपनी खोलने को लेकर राम बिनोद सिंह की ओर से दिल्ली हाइकोर्ट में दायर मुकदमा में श्री सिंह ने टाटा स्टील को कंपनी सौंपने की वकालत की थी. इसके विरोध में अजय तिवारी और देवेंद्र सिंह ने पहले दिल्ली हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसे हाइकोर्ट ने यह कहते हुए टाल दिया था कि इसको पहले बायफर या उचित फोरम में भेजा जाना चाहिए. इसके बाद पूरे मामले को बायफर में भेज दिया गया. बायफर ने इस मामले को लेबर कोर्ट में ले जाने की हिदायत दी, लेकिन बायफर के इस फैसले को आयफर में चुनौती दे दी गयी. आयफर के आरसी मिश्रा और जीके चतुर्वेदी की संयुक्त पीठ ने पूरे मामले की सुनवाई 24 जुलाई को पूरी कर ली और अपना फैसला सुनाया. अपने फैसले में आयफर ने पाया है कि रामबिनोद सिंह ही यूनियन के महासचिव के रूप में काम कर सकते हैं. उनका पदस्थापन सही है और वे ही पूरे काम के कस्टोडियन हैं. इसमें कहा गया है कि जो याचिकाकर्ता है, वह राम बिनोद सिंह के महामंत्री होने को लेकर उठाये गये सवाल को प्रमाणित नहीं कर सके और न ही किसी तरह का कोई दस्तावेज ही दे पाये, जिसके बाद इस केस को खारिज कर दिया जाता है और महामंत्री के रूप में राम बिनोद सिंह ही महामंत्री के रूप में काम कर सकते हैं.
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रामबिनोद सिंह ही यूनियन के महामंत्री (फोटो है राम बिनोद सिंह का)
इंडियन केबुल वर्कर्स यूनियन वरीय संवाददाता, जमशेदपुर इंडियन केबुल वर्कर्स यूनियन के महामंत्री रामबिनोद सिंह ही हैं. अपीलेट ऑथोरिटी फॉर इंडस्ट्रियल एंड फाइनांसियल रिकंस्ट्रक्शन (आयफर) ने अपने फैसले यह बात कही है. आयफर के फैसले की कॉपी पहुंच गयी है. केबुल कंपनी खोलने को लेकर राम बिनोद सिंह की ओर से दिल्ली हाइकोर्ट में दायर […]
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