जमशेदपुर: सरकारी कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई संकट में है. इसकी वजह यहां बीएड के लिए स्थायी शिक्षकों व आवश्यकता के अनुरूप आधारभूत संरचना का अभाव है. इस संबंध में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) ने कॉलेजों से स्पष्टीकरण मांगा है.
इसके बाद अगले सत्र से यहां बीएड की पढ़ाई खतरे में पड़ने की संभावना जतायी जा रही है. इसे लेकर गुरुवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत बीएड कॉलेजों के शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को कुलपति डॉ आरपीपी सिंह से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें एनसीटीइ द्वारा मांगे गये स्पष्टीकरण व चेतावनी आदि से अवगत कराया. साथ ही आगामी वर्षो में बीएड कोर्स निर्बाध संचालित करने के लिए वर्तमान में संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को नियमित करने व एनसीटीइ की गाइडलाइन के अनुरूप आधारभूत संरचना विकसित करने की मांग की. कुलपति से मिलनेवाले प्रतिनिधिमंडल में कोल्हान विवि बीएड शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजू ओझा, बहरागोड़ा कॉलेज से राजीव लोचन, ग्रेजुएट कॉलेज से कृष्ण कांत रवि, चाईबासा स्थित महिला कॉलेज से बीबी नायक और टाटा कॉलेज से सत्यनारायण साहू शामिल हुए.
कॉलेजों को शो-कॉज कर चुका है एनसीटीइ
पिछले वर्ष उच्च न्यायालय के आदेश पर एनसीटीइ की टीम ने राज्य भर के बीएड कॉलेजों का निरीक्षण किया था. टीम की रिपोर्ट के अनुसार एनसीटीइ की शर्तो के अनुसार यहां न तो बीएड में स्थायी शिक्षकों की नियुक्त हुई है और न ही आवश्यकता के अनुरूप आधारभूत संरचना है. रिपोर्ट के मद्देनजर एनसीटीइ ने हाल ही में कॉलेजों से स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही सारी व्यवस्था (शर्तो) को सुदृढ़ करने के संबंध में भी जानकारी मांगी है. एनसीटीइ ने राज्य भर के बीएड कॉलेजों को शो-कॉज किया है.
‘‘शिक्षकों की बात हुई है. स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तभी संभव है, जब स्वीकृत पद हों. लेकिन किसी भी वोकेशन या स्ववित्तपोषित (सेल्फ फाइनांसिंग) कोर्स में स्वीकृत पद का प्रावधान नहीं है. इसलिए यह कोर्स जैसे चल रहा, चलेगा. एनसीटीइ को भी इसकी जानकारी दी जायेगी. डॉ आरपीपी सिंह, कुलपति, कोल्हान विवि