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त्याग-बलिदान का पर्व बकरीद 22 अगस्त काे
जमशेदपुर : त्याग आैर बलिदान का महान पर्व ईद-उल-अजहा-बकरीद का त्योहार बुधवार (22 अगस्त) काे पूरे हिंदुस्तान में श्रद्धा आैर विश्वास के साथ मनाया जायेगा. ईद उल फितर के बाद यह मनाया जानावाले ईद-उल-अजहा पर्व काे छाेटी ईद के रूप में भी जाना जाता है. ईद-उल-अजहा के अवसर पर शहर की सभी मस्जिदाें, ईदगाह मैदान […]
जमशेदपुर : त्याग आैर बलिदान का महान पर्व ईद-उल-अजहा-बकरीद का त्योहार बुधवार (22 अगस्त) काे पूरे हिंदुस्तान में श्रद्धा आैर विश्वास के साथ मनाया जायेगा. ईद उल फितर के बाद यह मनाया जानावाले ईद-उल-अजहा पर्व काे छाेटी ईद के रूप में भी जाना जाता है. ईद-उल-अजहा के अवसर पर शहर की सभी मस्जिदाें, ईदगाह मैदान आैर मजार में नमाज पढ़ी जायेगी.
ईद-उल-अजहा की नमाज ईद-उल-फितर की तुलना में पहले पढ़ी जाती है. ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के बाद लाेग अपने-अपने घराें में कुर्बानियाें में जुट जायेंगे. ईद-उल-अजहा के अवसर पर सबसे पहली नमाज 5.40 बजे कपाली कबीरनगर स्थित अहल-ए-हदीस मस्जिद में पढ़ी जायेगी, जबकि सबसे आखिरी नमाज नाै बजे आजादनगर ईदगाह मैदान में पढ़ी जायेगी. मगदमपुर में दाे बार नमाज पढ़ी जायेगी. पहली जमात सुबह सात बजे आैर दूसरी आठ बजे हाेगी. बारिश के माैसम काे लेकर सभी मस्जिदाें के लाेगाें ने अपनी-अपनी तैयारियां की हैं.
जुगसलाई ईदगाह मैदान में बारिश काे ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. शहर की सभी मस्जिदाें से उलेमा-ए-कराम आैर माैलाना द्वारा ऐलान किया गया कि है दिखावे के लिए किसी तरह का काम नहीं करे. कुर्बानी आैर अन्य इबादतें सिर्फ अल्लाह काे खुश करने के लिए करें, न कि दिखावे के लिए. किसी भी तरह की कुर्बानी संबंधी तस्वीर साेशल मीडिया पर पाेस्ट नहीं करें. कुर्बानी में गंभीरता दिखायें, ऐसा काेई काम नहीं करें, जिससे वतन की धार्मिक भावना काे ठेस पहुंचे.
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