जमशेदपुर: न्यूरो से संबंधित रोग का इलाज दवा और अध्यात्म के समन्वय से संभव हो सकता है. यह बातें टीएमएच में झारखंड न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में सामने आयी. सेमिनार में न्यूरो संबंधित कई गंभीर बीमारियों पर विस्तार से चर्चा की गयी. इस दौरान कई लाइलाज बीमारियों के इलाज में आ रहे बदलाव और नये अविष्कार की विस्तार से जानकारी दी गयी.
दो दिवसीय सेमिनार में कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. इस दौरान न्यूरो साइंस, न्यूरोलॉजी और न्यूरो सजर्री पर कई नये मुद्दे सामने आये. मुख्य तौर पर सिरदर्द पर विस्तार से चर्चा की गयी. बताया गया कि अध्यात्म सहित दवा का भी इस्तेमाल करने से कई केस में सफलता मिली है. सेमिनार का उद्घाटन टाटा स्टील के प्रेसिडेंट आनंद सेन किया. इस मौके पर उन्होंने झारखंड न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी के कार्यो की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इस सेमिनार से बेहतर परिणाम सामने आ सकेगा.
अमिताभ बच्चन की बीमारी से कई ग्रस्त
टीएमएच के चिकित्सक डॉ एमएन सिंह ने बताया कि जमशेदपुर में करीब सौ से अधिक मरीज मयास्थेनिया ग्रैविस से ग्रस्त हैं. यह केस जमशेदपुर में काफी है, जबकि प्रति एक लाख की आबादी पर एक मरीज मिलता है. डॉ यूके मिश्र ने बताया कि इस रोग के लिए कई इलाज हैं.
मिर्गी के इलाज के लिए सस्ती और कारगर दवा
सेमिनार में मिर्गी (एपीलेप्सी) पर विस्तार से चर्चा की गयी. बताया गया कि मिर्गी के इलाज के लिए सस्ता और कारगर दवाएं बाजार में आ चुकी हैं. इसके लिए सजर्री के भी विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की गयी.
देश भर के 200 से अधिक डेलिगेट्स पहुंचे टीएमएच में
चिकित्सकों ने साझा किये बदलाव समेत तमाम जानकारी
इन चिकित्सकों ने रखे विचार
डॉ पीके साहू, डॉ एसएस मिश्र, डॉ यूके मिश्र, डॉ एके मुखर्जी, डॉ मंजरी त्रिपाठी, डॉ एलएन त्रिपाठी, डॉ संजय सान्याल समेत अन्य.
इन बीमारियों पर हुई चर्चा
कमर दर्द के कारण नसों में होने वाली दिक्कतें
डीबीएस (डीप ब्रेन स्टीम्यूलेशन)
ब्रेन हेमरेज व हेड इंज्युरी
पार्किसन डिजीज
मिर्गी (एपीलेप्सी)
माइग्रेन या सिरदर्द
एटलांटो एक्सल डिस्लोकेशन
आज इन बीमारियों पर होगी चर्चा
ग्यासोमास के रोकथाम, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का डिमेंसिया, नींद के दौरान नसों की दिक्कतें.