जमशेदपुर. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को पेश किये आम बजट में जमशेदपुर में 50 हजार लीटर प्रतिदिन का उत्पादन करने वाली डेयरी योजना खोलने की योजना बनायी है.
इससे पहले जिला गव्य विभाग द्वारा बालीगुमा में 25 हजार लीटर क्षमता वाली डेयरी बनाने की योजना बनायी थी. यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी है. जिला गव्य विभाग के खाते में आयी करीब दो करोड़ रुपये भी सरकार के खाते में डीसी (डिटेल कंटीजेंसी) बिल के तहत वापस कर दी गयी है. 2010 में डिमना चौक से घाटशिला के रोड के बीच में देवघर पंचायत में चार करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से डेयरी बनायी जाने वाली थी.
इसके लिए पहली किश्त भी दे दी गयी थी. देवघर पंचायत में डेयरी बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन अब भी बेकार पड़ी है. डेयरी के लिए कई प्रस्ताव गव्य विकास विभाग ने बनाये. सरकार ने वर्ष 2012 में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत बनाने का प्रस्ताव बनाया था.
इसके अलावा जमीन का अधिग्रहण और कुछ निर्माण कार्य भी कर दिया गया था, लेकिन आज तक वह नहीं बन पाया है. वर्तमान में 50 हजार क्षमता वाली डेयरी बनाने की योजना है, जिसके ऊपर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है. यह दावा किया गया है कि 10 हजार लोगों को रोजगार तक नहीं दिया गया है.
क्या कहते हैं देवघर पंचायत के लोग
सात साल पहले मंत्री जी आये थे और बोले थे कि डेयरी परियोजना से लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन आज तक कुछ नहीं हो पाया.
मंगल टुडू
डेयरी बन भी पायेगी या नहीं, यह तो मालूम नहीं है. पहले 25 हजार लीटर का डेयरी फार्म नहीं हो पाया
सामये मुर्मू
डेयरी परियोजना को धरातल पर नहीं आया. ऊपर से निर्माण कार्य कर दिया था. पैसे बरबाद कर दिया गया. कोई काम नहीं हुआ. निखिल
डेयरी प्रोजेक्ट हमारे लिए तो झूठा वादा ही निकला है. सरकारी घोषणा सिर्फ बेवकूफ बनाने की बात है. हम लोगों को कोई भरोसा नहीं है.
गुरुचरण
इस बार परियोजना धरातल पर उतरेगी : अधिकारी. मुख्यमंत्री ने जमशेदपुर में डेयरी प्लांट खोलने की घोषणा की है. इस पर काम शीघ्र शुरू होगा. पहले का प्रस्तावित प्लांट तकनीकी कारणों से धरातल पर नहीं उतर पाया है. नया डेयरी प्लांट पर काम शीघ्र शुरू होगा. इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
बीएस खन्ना, प्रबंध निदेशक, झारखंड को-आपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर.
राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं
लोकोन्मुखी और सर्वहितकारी बजट. बजट सत्र को सदन में दर्शक दीर्घा में बैठकर देखा. बजट लोकोन्मुखी और सर्वहितकारी है. समाज के अंतिम व्यक्ति के साथ ही सभी के जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है. इससे सभी का हित और राज्य का समेकित विकास संभव है. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
दिनेश कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष
कल्याणकारी बजट : मुख्यमंत्री को अच्छे बजट पेश करने के लिए धन्यवाद. इस बजट से राज्य का सर्वांगीण विकास होगा. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास तथा बिजली पर अधिक धन आवंटित किये गये हैं. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. सरकार ने गरीबों एवं किसानों के लिए इस बजट में कई कल्याणकारी योजनाएं लायी है.
दिनेशानंद गोस्वामी, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
अंत्योदय को परिलक्षित. बजट दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय दर्शन को परिलक्षित है. बजट में अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने के आवश्यक प्रावधान किये गये हैं. कुपोषण कम करने के लिए 400 गांवों में 4800 पोषण गार्डेन निर्माण और कुपोषण से पीड़ित बच्चों को मुफ्त में दूध उपलब्ध कराने के लिए अगले वित्तीय वर्ष से गिफ्ट मिल्क स्कीम सरकार की विकासोन्मुख मंशा को दर्शाते हैं.
कुलवंत सिंह बंटी, खादी बोर्ड के सदस्य
राज्य का विकास होगा. बजट से राज्य का विकास संभव हो सकेगा. कोल्हान के विकास का भी रास्ता खुलेगा. इसको लेकर राज्य के हर वर्ग को लाभ पहुंचेगा. कृषि, शिक्षा, स्वासथ्य, स्वरोजगार समेत तमाम विकास की ओर बजट ले जायेगा. बजट आम जनता से रायशुमारी करने के बाद ही बनायी गयी है. अब तक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि आम जनता से पूछकर बजट बना हो.
विद्युत वरण महतो, सांसद
जनता काे मिलेगा लाभ. बजट तभी सार्थक माना जायेगा, जब जनता काे इसका सीधा लाभ मिले. जन उपयाेगी बजट में जनता की भागीदारी सुनिश्चित होना चाहिए. इसका फायदा जमीनी स्तर पर दिखना चाहिए.
डाॅ पवन पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष, युवा जदयू
गुमराह करनेवाले बजट. झामुमाे जिलाध्यक्ष रामदास साेरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सदन में जनता काे गुमराह करने वाला बजट पेश किया है. सरकार ने पूर्व में किये गये किसी भी कार्य काे पूरा नहीं किया. बहस में सरकार काे कई बिंदूआें पर जवाब देना पड़ता, इसलिए विधान सभाध्यक्ष काे गुमराह कर सदस्याें काे एक दिन के लिए निलंबित कराने का प्लान तैयार कर लिया.
रामदास सोरेन, जिलाध्यक्ष, झामुमो
विकास का काला अध्याय. झारखंड सरकार का चाैथे बजट विकास का काला अध्याय है. सदन में विपक्ष की गैर माैजूदगी में बजट पेश किया गया. सरकार को पूर्व वर्ष के बजट के बारे में बताना चाहिए कि साल भर में बजट की कितनी राशि गांव के विकास के लिए खर्च की गयी.
अभय सिंह, महासचिव, झाविमो