जमशेदपुर : कवि और चिंतन स्व नंदकुमार उन्मन की याद में शनिवार को बिष्टुपुर के श्रीकृष्ण संस्थान में शोक सभा आयोजित की गयी. मौके पर संस्थान के हरि वल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि बेनीपुरी साहित्य परिषद की ओर से अगले साल 2018 में कवि उन्मन की एक पांडुलिपि का प्रकाशन की जायेगी. कथाकार जयनंदन ने उनकी एक कविता पढ़ी, सुनो कालपुरुष मैं फिर भी नहीं मरता. जीवन के योद्धा थे उन्मन : अशोक शुभदर्शी ने कहा कि वे जीवन के योद्धा थे. दार्शनिक और प्रखर कवि थे. मित्रेश्वर ने कहा कि उनकी प्रेरणा से ही उन्होंने लिखना शुरू किया. डॉ नर्मदेश्वर पांडेय ने कहा कि उन्मन महामानव थे. उन्हें अध्यात्म पर भी मजबूत पकड़ थी. श्याम सुमन ने कार्यक्रम की शुरुआत की.
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सुनो कालपुरुष मैं फिर भी नहीं मरता बिष्टुपुर : उन्मन की कविता पढ़ कर दी गयी श्रद्धांजलि
जमशेदपुर : कवि और चिंतन स्व नंदकुमार उन्मन की याद में शनिवार को बिष्टुपुर के श्रीकृष्ण संस्थान में शोक सभा आयोजित की गयी. मौके पर संस्थान के हरि वल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि बेनीपुरी साहित्य परिषद की ओर से अगले साल 2018 में कवि उन्मन की एक पांडुलिपि का प्रकाशन की जायेगी. कथाकार जयनंदन […]
पुरस्कार शुरू करने का प्रस्ताव. उन्मन की याद में पुरस्कार शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा गया. जनवादी लेखक संघ की ओर से कहा गया कि प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा. कार्यक्रम का संचालन राजदेव सिन्हा ने किया.
मौके पर दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश, गंगा प्रसाद अरुण, कमल, जवाहर लाल, वरुण प्रभात, सुजय भट्टाचार्य, उदय प्रताप हयात, शैलेंद्र अस्थाना, सुभाष गुप्ता, डॉ राम कविंद्र, नजीर अहमद नजीर, गीता नूर, वीणा पांडेय, नीता सागर, इंदर पासवान सहित शहर भर के साहित्यकार व बुद्धिजीवी मौजूद रहे.
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