हजारीबाग. बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत जिले के लगभग 1800 सरकारी स्कूलों में 10 मई तक अभियान जारी रहेगा. 25 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना है और ड्रॉपआउट तथा आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है. नौवें दिन तक स्कूल से जुड़ने वाले विद्यार्थियों का कोई आंकड़ा डीएसइ कार्यालय की ओर से अपडेट नहीं किया गया है. पांच से 18 आयु वर्ग के बच्चों का स्कूल में ठहराव और नामांकन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए सभी शिक्षक और शिक्षा पदाधिकारी जिम्मेदार हैं. हर दिन कार्यशाला और प्रचार-प्रसार पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, साथ ही स्कूल से जुड़ने वाले बच्चों का डेटा अपडेट कर सूची जारी करने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है.
70 ड्रॉपआउट बच्चे फिर से स्कूल से जुड़ें
हजारीबाग झारखंड शिक्षा परियोजना के अनुसार, जिले में 70 ड्रॉपआउट बच्चे हैं, जिनमें 40 बालक और 30 बालिकाएं शामिल हैं. नामांकन रहने के बावजूद कक्षा एक से आठ में 58 बच्चे स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं कक्षा नौ से 12 में 12 बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. इचाक प्रखंड में सबसे ज्यादा 30 बच्चे ड्रॉपआउट की श्रेणी में हैं, जबकि चुरचू में 17, चौपारण में 10, केरेडारी में तीन, कटकमदाग और पदमा में चार-चार तथा सदर और विष्णुगढ़ में एक-एक बच्चे ड्रॉपआउट की सूची में शामिल हैं.
जनप्रतिनिधियों की सहभागिता
ग्राम और पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों और शिक्षा प्रेमियों के सहयोग से बच्चों को स्कूल से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. हर बच्चे को शिक्षित बनाने और शिक्षित समाज के निर्माण के लिए बैक टू स्कूल कैंपेन को एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है. सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षक-अभिभावक दिवस, मुखिया सम्मेलन, व्यावसायिक शिक्षा, कस्तूरबा गांधी और झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय संचालन, निपुण भारत कार्यक्रम, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा, खेलो झारखंड जैसे कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है, फिर भी कई बच्चे अब भी स्कूल से दूर हैं. बैक टू स्कूल कैंपेन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. प्रत्येक बच्चे को स्कूल से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. डीइओ सह क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक प्रवीन रंजन ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी स्तरों पर समर्पित प्रयास जारी हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है