कटकमसांडी : प्रखंड के ढौठवा गांव में फ्रांस के क्रिस थेफ्ट पहुंचे. वह रेसीडेंसियल प्रोजेक्ट के तहत गांव आये हैं. उनका आना गांव के ही संजय मेहता के आमंत्रण पर हुआ है. क्रिस इन दिनों भारतीय राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन कर रहे हैं. वे गांवों में चल रहे विकास पर रिसर्च कर रहे हैं. ज्ञात हो कि ‘ढौठवा रेसीडेंसी में इससे पूर्व 22 जनवरी 2017 को ईटली की ग्रेको लावरा आयीं थीं. वह रेसीडेंसी की पहली अतिथि थी. उन्होंने भी रेसीडेंसी में वक्त बिताया था.
ग्राम्य जीवन स्तर को जाना : ढौठवा रेसीडेंसी संजय मेहता द्वारा शुरू किया गया एक रेसीडेंसियल कार्यक्रम है.
इसके माध्यम से ग्राम्य जीवन स्तर, आदिवासी जीवन शैली, गांवों के परंपरागत रीति-रिवाज को नजदीक से जानने एवं समझने की कोशिश की जा रही है. इस रेसीडेंसी में देश – विदेश से वैसे अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है जो ग्राम्य जीवन स्तर के विकास के लिए अपने-अपने स्तर से रचनात्मक एवं जमीनी कार्य कर रहे हैं. इस क्षेत्र में रूचि रखने वालों को यह रेसीडेंसियल कार्यक्रम निःशुल्क अवसर उपलब्ध करा रहा है. बरही में रहनेवाले संजय मेहता ने अपने पैतृक गांव में इस कार्यक्रम की शुरुआत बिना किसी सरकारी सहायता के व्यक्तिगत तौर पर की है.
क्रिस थेफ्ट बने इस रेसीडेंसी के दूसरे अतिथि : ढौठवा रेसीडेंसी के बारे में संजय मेहता ने कहा कि यह अनोखा कार्यक्रम है.
यह इस मायने में भी खास है कि जो भी अतिथि हमारे यहां विदेश से आते हैं वे अतिथि नहीं बल्कि एक घरेलू सदस्य के तौर पर रहते हैं. उन्हें रेसीडेंसी में गांव के मौलिक जीवन स्तर के बीच समय बिताना होता है. साथ ही भोजन भी गांव की शैली में ही करना होता है. इसके पीछे उद्देश्य यह है कि जो भी इस विषय को समझने की कोशिश करें उन्हें विषय की सत्यता और भावनात्मकता से अंदर तक जोड़ा जाये. उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा प्रयास है जिसके माध्यम से गांव की अपनी संस्कृति से दूसरे देशों को परिचय कराना है.