बड़कागांव: शिव उपासना का मुख्य केंद्र है बड़कागांव का बुढ़वा महादेव. इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व मनाने की परम्परा 600 साल पुरानी है. यह मंदिर 500 मीटर ऊंची पहाड़ पर स्थित है. येकेवल शिव उपासना के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है.
यही कारण कि सालों भर पर्यटक यहां आते रहते हैं, लेकिन सावन एवं महाशिवरात्रि में शिव भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है. खतरे निवासी डॉ रघुनंदन प्रसाद ने बताया कि हमारे दादा जी बताया करते थे कि यहां शिवरात्रि महापर्व की शुरुआत कर्णपुरा के राजा 1400 ई में किये थे. कर्णपुरा के राजा दलेल सिंह के पूर्वज भगवान शिव के भक्त थे. यही कारण है कि बुढ़वा महादेव व महूदी पर्वत के अधिकांश पत्थर को शेषनाग का आकृति बनाया गया है.
विभिन्न जगहों में शिवलिंग स्थापित किया गया है. इसका प्रमाण आज भी मंदिरों व गुफाओं में देखने को मिलता है. बुढ़वा महादेव पर्वत पर चढ़ने के लिए नेतलाल महतो के नेतृत्व में राजमिस्त्री देवकी राम ,प्रयाग राम,प्रकाल राम द्वारा सीढ़ियां बनाई गई थी. जो आज भी मौजूद है लेकिन देखरेख के अभाव में सीढ़ियां टूटने फूटने लगे हैं. बुढ़वा महादेव पहाड़ श्रावणी मेले को लेकर भी काफी चर्चित है. यहां झारखंड के विभिन्न जिले के अलावे पड़ोसी राज्यों से भी भक्त जल चढ़ाने एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं.
क्या है खासियत
पर्वत की चोटी पर स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर, छगरी गुदरी गुफा, द्वारपाल गुफा, मड़ावा खामी, बंदरचुमा जल प्रपात, एवं दर्जनों नागफनी आकार की चट्टानें, तीर्थ स्थल धार्मिक ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है.
झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड बुढ़वा महादेव पर्वत चोटी तथा आसपास के क्षेत्रों में बॉलीवुड एवं अन्य फिल्मों की शूटिंग की जाती है. यहां की हरी-भरी वादियां घुमावदार पहाड़ियां, आकाश को चूमते पेड़, रंग -बिरंगे फूल अनायास ही सैलानियों को आकर्षित करते हैं. प्रकृति की छटा आकाश को चूमती पर्वत की चोटियां, पक्षियों का चहचहाहट, सनसनाती हवाएं, गहरी घाटियां पर्यटकों के दिल में अपने प्रति आकर्षण पैदा करती है.
हिलस्टेशन बुढ़वा महादेव
हिलस्टेशन 500 मीटर ऊंचे पहाड़ की चोटी पर स्थित है. इसे हजारीबाग, चतरा और रांची जिले का सबसे बड़ा हिल स्टेशन माना जाता है. यहां से बड़कागांव प्रखंड के सभी गांव और केरेडारी प्रखंड के कुछ गांव का अवलोकन किया जा सकता है. यहां बुढ़वा महादेव मंदिर में भगवान शंकर के अलावा मां पार्वती, भगवान गणेश की पूजा होती है. बगल में बजरंगबली और 36 माता के रूप में नीम के पेड़ की भी पूजा की जाती है.