उमा शंकर अकेला, पूर्व विधायक (बरही)
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विधायक का सफरनामा : एक अकेला, पर तीन बार बदली पार्टी
उमा शंकर अकेला, पूर्व विधायक (बरही) बरही : उमा शंकर अकेला का चुनावी राजनीतिक जीवन गतिमान रहा है. वे किसी राजनीतिक दल में स्थिर होकर नहीं रह सके. अब तक उन्होंने तीन दल बदला है. बरही से उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर बाबू जगजीवन राम की पार्टी कांग्रेस (जे) से शुरू किया था. वर्ष 1985 के […]
बरही : उमा शंकर अकेला का चुनावी राजनीतिक जीवन गतिमान रहा है. वे किसी राजनीतिक दल में स्थिर होकर नहीं रह सके. अब तक उन्होंने तीन दल बदला है. बरही से उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर बाबू जगजीवन राम की पार्टी कांग्रेस (जे) से शुरू किया था. वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में वह बरही से कांग्रेस (जे) के टिकट पर लड़े तथा करीब 7500 वोट पाया. इस चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवार को लगभग 11 हजार वोट मिले थे.
इसके बाद 1990 का चुनाव अकेला ने नहीं लड़ा. पर 1995 के चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरे. इस बार इन्हें 14800 वोट मिले, जो भाजपा उम्मीदवार से सिर्फ 400 वोट कम थे. इसके बाद अकेला ने वर्ष 2000 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तथा वर्ष 2005 का चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा.
2005 के चुनाव में उन्होंने दूसरे प्रत्याशियों को कड़ा मुकाबला दिया तथा 49,990 वोट बटोरे. मगर 2009 के चुनाव में दल बदल लिया तथा भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते. भाजपा में ही रह कर जब 2014 का चुनाव वह हार गये, तो इसके बाद 2019 में अकेला यादव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, अब वह बरही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हैं.
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