महीपाल सिंह, पालकोट टेंगरिया गांव (पालकोट प्रखंड) में माता दुर्गा की पूजा की शुरुआत वर्ष 1950 में हुई. इससे पहले ग्रामीण कोयल नदी पार कर कुम्हारी बनई गांव जाकर माता के दर्शन करते थे. एक बार दशहरा के दिन एक आदिवासी व्यक्ति जंगल से होते हुए पूजा देखने जा रहा था, तभी उस पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया. वह किसी तरह जान बचाकर गांव लौटा. इस घटना के बाद गांव के रघुनाथ भगत, हरिमोहन प्रसाद, हरि साहू, टीभू सिंह व अन्य ग्रामीणों ने मिलकर माता रानी का चित्र रखकर पूजा प्रारंभ की. समय के साथ परंपरा और मजबूत हुई समय के साथ यह परंपरा मजबूत होती गयी. वर्ष 1971 में जब पंचायत चुनाव पहली बार हुआ, तब टेंगरिया पंचायत के मुखिया बने शालिग्राम प्रसाद, उनके नेतृत्व में पहली बार मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर भव्य दशहरा पूजा का आयोजन हुआ. उस समय टेंगरिया में नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम और नवमी की रात टेंगरिया बाजार टाड़ में भव्य मेला आयोजित होता था. इस मेले में आसपास की पंचायतों और दर्जनों गांवों से लोग आते थे. खास बात यह थी कि मेले में नशापान की सख्त मनाही थी और अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाता था. रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा वर्तमान में श्री दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष समाजसेवी व पूर्व विधायक प्रतिनिधि भूषण सिंह हैं. उनके नेतृत्व में पूजा भव्य रूप से आयोजित हो रही है. इस वर्ष 30 सितंबर व 1 अक्तूबर को डे-नाइट फुटबॉल टूर्नामेंट तथा 2 अक्तूबर को रंगारंग नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. भूषण सिंह ने सभी परिवारों से दशहरा पूजा में शामिल होने की अपील की है.
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