डुमरी(गुमला). डुमरी प्रखंड मुख्यालय स्थित नवाडीह, जितियाटोली, भेड़ीताल, बेलटोली व जिलिंगटोली गांव के लोगों को दूसरे गांव के जंगल में घुस कर जलावन के लिए सूखी लकड़ी चुनने पर रोक लगा दी गयी है. इससे बीते दो साल से पांच गांवों के लोग परेशान हैं. इस मामले को लेकर गुरुवार को पांचों गांवों के ग्रामीणों ने जितियाटोली गांव के आम बगीचा में बैठक की. अध्यक्षता प्रवीण कुमार तिर्की ने की. बैठक में भेड़ीताल गांव की महिलाओं ने बताया कि हड़सरी व करमटोली गांव के लोग लकड़ी लाने व पहाड़ चढ़ने से मना करते हैं. गांव की सीमा पार करने नहीं दे रहे हैं. महिलाओं ने कहा है कि जिस जंगल में हमें घुसने से रोका जा रहा है. उसी जंगल में हमारा खेत है. दूसरे गांव के लोगों का कहना है कि हमारे गांव की सीमा में कदम नहीं रखना है. कटरा गांव के लोग कहते हैं कि पहाड़ हमारा धन है. आप हमारे धन को काट नहीं सकते हैं. मीना देवी ने कहा कि दो साल से यह लड़ाई चल रही है. बड़ा कटरा व बेलटोली के लोग लड़ रहे हैं. कटरा वाले लकड़ी लाने से मना करते हैं. छिप-छिपा कर लकड़ी लाते हैं. सूखी लकड़ी नहीं लायेंगे, तो क्या हम गैस में धान पकायेंगे. पंखरासियुस ने कहा कि सीमांकन की बड़ी समस्या है. शादी विवाह में जंगल में नहीं घुसेंगे, तो शादी कैसे होगी. राधे ने कहा कि दादा परदादा के समय से ही हम जंगल जा रहे हैं. लकड़ी लाते गये. परंतु अब दो साल से जंगल चढ़ने नहीं दिया जा रहा हैं. ग्रामीणों की बात सुनने के बाद अध्यक्ष प्रबोध कुमार तिर्की ने कहा कि हम उरांव जाति के हैं. हमारे खेत का खतियान है. उसी प्रकार हर गांव के लिए जंगल का पर्चा दे दिया है. हम अपने जंगल से लकड़ी ला सकते हैं. शादी में मड़वा, दतुवन, पत्ता लाकर पत्तल बना कर खाना खा सकते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए गांव-गांव में समिति का गठन किया गया. इसमें जिलिंगटोली से रेखा देवी, रंजीता देवी, संजीव भगत, मनोज उरांव, राधे उरांव, सिमजल उरांव, भेड़ीताल से नीचोत खलखो, गोस्नर बेक, फूल कुमारी, इमेलदा टोप्पो, जितिया टोली से आगाथा लकड़ा, बिमला बाखला, पंखरासियुस मिंज, मारियानुष बाखला, नवाडीह से प्रवीण कुमार तिर्की, डेविड टोप्पो, एलबन टोप्पो, एलेक्जेंडर लकड़ा, सुखन साय को बनाया गया है. वहीं सर्वसम्मति से अध्यक्ष प्रवीण कुमार तिर्की व सचिव विक्टोरिया बाखला को चुना गया. मौके पर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.
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