गुमला. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में भारत माला परियोजना से संबंधित टीम ने शनिवार को चैरंबा, भकुवाटोली, जामटोली, नकटी, बैरिसा, नदीटोली, असनी, चंडाली, जोड़ाडाड़, लट्ठा बरटोली, कोलपारा घट्ठा, काटासारू, बांसडीह, परसा, टुकूटोली, पारासीमा आदि अनेक छोटे-छोटे कस्बों का दौरा किया. दौरे के क्रम में ग्रामीणों से रूबरू होकर बातचीत की गयी. सभी गांवों से एक ही आवाज आयी कि हम किसान अपनी जमीन नहीं देंगे. क्योंकि हमारे पास जमीन के अतिरिक्त जीविका का कोई दूसरा साधन नहीं है. हम सरकार का विकास नहीं रोक रहे हैं. जबकि एनएच 43 की पहले से ही चौड़ीकरण करने का नोटिफिकेशन हो चुका था. फिर किस परिस्थिति में चैरंबा मौजा से डायवर्ट कर लगभग 32 किमी कटकायां तक धान की खेत से भारत माला परियोजना बनाने की आवश्यकता पड़ रही है. इसका हम सभी ग्रामीण विरोध करते हैं. दौरा करने वालों में जगन्नाथ उरांव, नीता देवी, हीरा गोप, गजेंद्र सिंह, बंझू उरांव, दीपू उरांव, लोथे उरांव, सहदेव किसान, मनबहाल उरांव, दुर्गा उरांव, रामा उरांव, नवल उरांव, बहुरन उरांव, बिरसो उरांव, भूखली उरांव, सरिता उरांव, चंद्रमुनी उरांव, राजेश उरांव, मरियम, महादेव उरांव, फुलमनी उरांव, रंगेश्वर मुंडा, सुकरमुनी उरांव, मंगना उरांव व मंगरू उरांव मौजूद थे.
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