गुमला. सदर प्रखंड की वृंदा पंचायत स्थित बहवारटोली के ग्रामीण, प्रचंड गर्मी में विभागीय उदासीनता का सामना करने के लिए मजबूर हैं. गांव की आबादी करीब 400 हैं, जिनकी सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. गांव में न तो चापानल है और न कुआं. एक जलमीनार जो मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में लाखों रुपये खर्च कर के बनवायी गयी थी, जो पिछले तीन साल से बेकार पड़ा है. गांव के लोग रोजाना पीने के पानी के लिए डेढ़ किमी दूर स्थित खेत में बने कुएं से पानी लाकर अपना दैनिक कार्य करते हैं. गांव के लोग प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने उपायुक्त गुमला व पीएचइडी कार्यालय में आवेदन देकर बोरिंग कराने की मांग की है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. पीएचइडी के कर्मी गांव में आकर समस्या का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन विभागीय उदासीनता से अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और संबंधित विभाग की अनदेखी से वे न केवल पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं, बल्कि उनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी भी मुश्किल हो गयी है. गांव के प्रवीण प्रधान, सोनू प्रधान, विमला देवी, भरत प्रधान, दीपा देवी, कमला देवी, अघनू इंदवार, अकलू प्रधान, पेचो देवी, मुन्ना खड़िया, मना गोप, सनियारो खड़ियाइन, प्रमोद उरांव, बालकेश्वर गोप, साल प्रधान, रुक्मिणी देवी, कृष्णा लोहरा, चेवठा प्रधान, बिरसा प्रधान, कमली देवी, संगीता देवी आदि ग्रामीणों ने उपायुक्त से गांव में बोरिंग कराने की गुहार लगायी है.
ग्रामीणों की व्यथा
बिरसा प्रधान ने बताया कि गांव में पानी की बहुत बड़ी समस्या है. हमलोग रोजाना डेढ़ किमी दूर से पानी लाने के लिए मजबूर हैं. प्रशासन ने उनकी समस्या को अनदेखा किया है, जबकि वे कई बार अधिकारियों से मदद की गुहार लगा चुके हैं. पेचो देवी ने कहा कि हमलोगों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है. हमने कई बार आवेदन दिया हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है. साल प्रधान ने भी विभागीय उदासीनता की ओर इशारा करते हुए कहा कि गांव में न केवल पानी, बल्कि बिजली, सड़क और नाली जैसी अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है.
विभागीय उदासीनता नहीं सुलझ रही हैं समस्याएं : मुखिया
मुखिया सत्यवती देवी ने कहा कि विभागीय उदासीनता से गांव की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमने पीएचइडी कार्यालय में आवेदन दिया है, लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है