शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों व खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों के साथ की बैठक गुमला. उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित की अध्यक्षता में मंगलवार को शिक्षा विभाग की विशेष बैठक हुई. इसमें विशेष रूप से उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षक शामिल रहे, जिनका प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) संतोषजनक नहीं पाया गया और बायोमेट्रिक उपस्थिति शून्य है. उपायुक्त ने एक-एक विद्यालय की परफॉर्मेंस की समीक्षा की. समीक्षा में जिन विद्यालयों का सिलेबस अब तक पूरा नहीं हुआ है, उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को फटकार लगाते हुए निर्धारित समय सीमा के अंदर हर हाल में सिलेबस पूरा करने का निर्देश दिया. बायोमेट्रिक उपस्थिति की चर्चा करते हुए उपायुक्त ने बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने में आ रही तकनीकी समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया. कहा कि जानबूझकर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उपायुक्त ने कहा कि शिक्षा में लापरवाही एक अपराध है और यदि शिक्षक स्वयं अनुशासित नहीं रहेंगे, तो वे बच्चों को क्या सिखायेंगे. उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि बच्चों का भविष्य किसी भी स्थिति में खतरे में नहीं डाला जा सकता. उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जिन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम है, वहां नियमित रूप से अभिभावकों की बैठक आयोजित कर बच्चों की काउंसेलिंग की जाये. ऐसे बच्चों के घर जाकर भी उन्हें विद्यालय भेजने के प्रयास किये जाये. उपायुक्त ने रेल टेस्ट (यूनिट टेस्ट) को नियमित रूप से आयोजित करने व बच्चों को अधिक से अधिक प्रैक्टिस कराने का निर्देश दिया. कहा कि जिन विद्यालयों के शिक्षक अनियमित पाये जायेंगे. रेल टेस्ट नियमित नहीं लेंगे. सिलेबस लंबित रखेंगे अथवा जिनका प्रदर्शन मानक के अनुरूप नहीं रहेगा, उनका वेतन भुगतान पर रोक लगायी जायेगी. परफॉर्मेंस सुधारने के बाद ही वेतन बहाल किया जायेगा. उपायुक्त ने जिला स्तरीय अधिकारियों, बीपीओ, बीआरपी व सीआरपी को विद्यालयों की नियमित मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. साथ ही लापरवाही पाये जाने पर उनका वेतन भी रोकने की चेतावनी दी. उपायुक्त ने गुटबाजी व अनावश्यक राजनीति करने की निंदा करते हुए कहा कि शिक्षक यदि आपसी खींचतान व विरोध-प्रदर्शन में समय व्यर्थ करेंगे, तो शिक्षा व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. शिक्षक विद्यालयों को स्टूडेंट-फ्रेंडली वातावरण में परिवर्तित करने का निर्देश दिया, ताकि बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बनी रहे. उपायुक्त ने प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों व विभागीय पदाधिकारियों से कहा कि यदि बोर्ड परीक्षा के परिणाम संतोषजनक नहीं रहे, तो संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही इंक्रीमेंट भी रोका जा सकता है. बैठक में जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां, जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो समेत बीडीओ, प्रधानाध्यापक, शिक्षक व संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे.
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