गुमला. रायडीह प्रखंड के मरदा स्थित महासदाशिव मंदिर का सातवां वार्षिक महोत्सव एक व दो मार्च को है, जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. उक्त बातें महासदाशिव संचालन समिति के मुख्य संरक्षक अनिरुद्ध सिंह ने होटल साभेकर के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेसवार्ता के दौरान कही. उन्होंने बताया कि इस बार दो दिनी समारोह में प्रत्येक कार्यक्रम को अनूठा व भव्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है. दुर्गा मंदिर नवागढ़ से शुरू होने वाली इस बार की कलश यात्रा कई मायनों में खास होगी. क्योंकि इस बार 3500 महिलाओं के भाग लेने की संभावना है. गांव-गांव जाकर महिलाओं को अक्षत, सुपाड़ी के साथ निमंत्रण दिया जा रहा है. 35 सौ कलश, नारियल माथे की पट्टी आदि की व्यवस्था हो चुकी है. कलश यात्रियों की लंबी पंक्ति के बीच-बीच में कई झांकियां होंगी. इसके बाद संतों का प्रवचन प्रारंभ होगा. उसकी समाप्ति के बाद एक बजे अपराह्न से भंडारा शुरू होगा. प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य के प्रतिनिधि के रूप में श्री मुकुंदानंद जी अपने दस शिष्यों के साथ, महात्मा श्री अखंडानंद जी, वृंदावन के बाल गोविंद दास जी महाराज, त्रयंबकेश्वर से दस आचार्य एवं पंडित के अलावा अनेक साधु संत, महात्मा आदि पधार रहे हैं. अपराह्न तीन बजे शुरू होने वाले अखंड हरिकीर्तन में स्त्री-पुरुषों की छह चुनिंदा मंडलियां भाग ले रही हैं. त्रयंबकेश्वर के 11 आचार्यों द्वारा हवन, पूजन, भजन व समस्त यज्ञोपवीत कार्यक्रम दोनों दिन संपादित किये जायेंगे. दूसरे दिन शाम में वाराणसी की तर्ज पर गंगा आरती का प्रदर्शन पीयूष पाठक द्वारा किया जायेगा. इस बार ओड़िशा से उर्मिला मोहंती अपनी नृत्य मंडली के साथ मंच पर उतरेंगी, जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध नृत्यांगना कुमारी खुशबू करेंगी. कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा के लिए 27 फरवरी को दिन के 12 बजे सक्रिय कार्यकर्ताओं की बैठक होगी. मौके पर जगदीश सिंह, कमलाकांत तिवारी, जग नारायण सिंह, गौरव देव सिंह मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है