28.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

कोरोना मुक्त ऊंचडीह गांव से छंट रहे नक्सलवाद के बादल, तो ग्रामीणों में बढ़ी विकास की छटपटाहट, जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

Jharkhand News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिले में नक्सलवाद के बादल धीरे-धीरे छट रहे हैं तो अब ग्रामीण अपने गांव के विकास के लिए छटपटा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं, रायडीह प्रखंड के परसा पंचायत स्थित ऊंचडीह गांव की. जंगल व पहाड़ों के बीच बसा ऊंचडीह गांव शिक्षा के मामले में सबसे आगे हैं, परंतु गांव की समस्याओं से ग्रामीण परेशान हैं. सबसे बड़ी समस्या जल संकट की है. इससे लोग परेशान हैं.

Jharkhand News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिले में नक्सलवाद के बादल धीरे-धीरे छट रहे हैं तो अब ग्रामीण अपने गांव के विकास के लिए छटपटा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं, रायडीह प्रखंड के परसा पंचायत स्थित ऊंचडीह गांव की. जंगल व पहाड़ों के बीच बसा ऊंचडीह गांव शिक्षा के मामले में सबसे आगे हैं, परंतु गांव की समस्याओं से ग्रामीण परेशान हैं. सबसे बड़ी समस्या जल संकट की है. इससे लोग परेशान हैं.

ऊंचडीह गांव के 111 परिवारों के 638 लोगों के लिए दो सोलर जनमीनार हैं, परंतु कई बार पानी नहीं निकलता है. जल संकट के कारण कई परिवार शौचालय का उपयोग नहीं करते हैं और गांव के नजदीक के नदी, तालाब व पहाड़ से गिरने वाले पानी के समीप शौच करते हैं. गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है, परंतु गांव के अंदर जितने भी गली-कुचे हैं. वहां सड़क नहीं है. बारिश में कीचड़ हो जाता है. पहाड़ पर बसे घर के लोग पत्थर की सीढ़ी बनाये हैं. बारिश में पत्थर की सीढ़ी से होकर सफर करने में गिरने का डर रहता है. गांव के सभी बच्चे स्कूल जाते हैं, परंतु नेटवर्क समस्या के कारण ऑनलाइन पढ़ाई बंद है. स्कूल से तड़ित चालक की भी चोरी हो गयी है.

Also Read: झारखंड में 10 लाख पशुओं को लगी कम मानकवाली वैक्सीन, जांच में खुलासे के बाद वैक्सीनेशन पर रोक

गुमला जिले का ऊंचडीह पहला गांव है, जहां कोरोना जांच कराने में ग्रामीण आगे हैं. अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में गांव के कई लोगों को सर्दी, बुखार, खांसी हुआ था. परंतु घरेलू जांच व दवाओं के उपयोग से बीमारी ठीक हो गयी. इसके बाद गांव के लोगों की कोरोना जांच की गयी. 111 परिवार में से 96 परिवार ने कोरोना जांच करायी. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आयी. वहीं सभी 111 परिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरदानी भी दिया गया. गांव के 46 लोगों ने कोरोना का पहला डोज भी लिया है. ग्रामीण बताते हैं. कोरोना वायरस से यह गांव पूरी तरह सुरक्षित है. अभी तक किसी को कोरोना नहीं हुआ है. न ही कोरोना से किसी की मौत हुई है.

Also Read: Complete Lockdown In Jharkhand : झारखंड में आज Complete Lockdown, घरों से नहीं निकलें बेवजह, पाबंदियों से सिर्फ इन्हें है रियायत

ऊंचडीह गांव में 2010 में पुलिस व भाकपा माओवादी के बीच मुठभेड़ हुई थी. उस समय पुलिस अवर निरीक्षक फनिंद्र मिश्रा मुठभेड़ में शहीद हो गये थे. नक्सली हथियार भी लूटकर ले गये थे. उस घटना के बाद गांव की बदनामी हुई थी. परंतु धीरे-धीरे गांव में नक्सलियों का प्रवेश कम हुआ तो अब गांव की फिजा व माहौल भी बदल रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि अब वर्षो से इस गांव में नक्सलियों को नहीं देखा है.

Also Read: झारखंड के शिक्षक अपने गृह जिले में करेंगे नौकरी, स्थानांतरण नियमावली में संशोधन की तैयारी शुरू

सेविका शांति तिर्की ने कहा कि गांव में एक भी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज नहीं है. गांव के लोग मरे हैं. परंतु दोनों वृद्ध थे और सामान्य मौत है. गांव में सभी लोगों की कोरोना जांच हुई है. रिपोर्ट निगेटिव आयी है. टीका भी लोग ले रहे हैं. सहिया जसिंता तिर्की ने कहा कि गांव में आंगनबाड़ी केंद्र है. यहां 22 बच्चे हैं. परंतु लॉकडाउन में केंद्र बंद है. आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर है. बरसात में दिक्कत होती है. अगर केंद्र की मरम्मत हो जायेगी तो बच्चों को यहां पढ़ने में आसानी होगी.

Also Read: Sports University In Jharkhand : बिहार में खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी शुरू, झारखंड में छह साल में भी फाइलों से नहीं निकला खेल विश्वविद्यालय

वार्ड सदस्य अमरबेली खाखा ने कहा कि गांव की समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. दो सोलर जलमीनार लगा है. परंतु यह गांव के लिए काफी नहीं है. स्थायी समाधान के लिए पहाड़ से पानी उतारना होगा. पारा टीचर प्रेमदान खलखो ने कहा कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय ऊंचडीह में एक से आठ वर्ग तक पढ़ाई होती है. फिलहाल में 76 बच्चे नामांकित है. गांव के कई बच्चों का नामांकन नहीं हुआ है. उनके नामांकन की प्रक्रिया चल रही है.

ग्रामीण चिरस एक्का ने कहा कि गांव के कुछ घरों में शौचालय नहीं है. जिनके घर है तो वे पानी की कमी के कारण उपयोग नहीं करते हैं. हमारा गांव थंडरिंग जोन है. गांव में एक तड़ित चालक की स्थापना जरूरी है. ग्रामीण रोधो मुंडा ने कहा कि ऊंचडीह के पहाड़ में पानी है. अगर उस पानी को पाइप के सहारे गांव तक लाया जाये तो जल संकट की समस्या खत्म हो जायेगी. विधायक से उम्मीद है कि हमारे गांव की समस्या दूर होगी.

Posted By : Guru Swarup Mishra

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें