गुमला. सिसई प्रखंड के बोंडो गांव के टाना भगतों ने अपने गांव की जमीन को बचाने के लिए आंदोलन शुरू किया है. बोंडो में करीब 83 एकड़ जमीन है, जिसमें कुछ जमीन को बेच दिया गया है. जब इसकी जानकारी टाना भगतों को हुई, तो शेष बची जमीन को बचाने में जुट गये हैं. बोंडो गांव की जमीन को लेकर शनिवार को सैकड़ों टाना भगत शहर के पुराने समाहरणालय में बैठक की. बैठक में टाना भगतों ने गांव की जमीन को बचाने के लिए एकजुट होकर आंदोलन करने पर रणनीति बनी. अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी टाना भगत गुमला के जिलाध्यक्ष जीता टाना भगत, सिसई प्रखंड अध्यक्ष सुशमन टाना भगत व महादेव टाना भगत ने कहा है कि पूर्वजों के जमाने से हमलोग बोंडो गांव की जमीन पर खेती-बारी करते आ रहे हैं. पशुओं को चराया भी जाता है. अंग्रेज चले गये, जमींदारी प्रथा खत्म हो गयी. गांव की जमीन गांव के लोगों की हो गयी, परंतु अचानक से कुछ बाहरी लोग गांव में घुस कर मझियस की जमीन की खरीद-बिक्री कर रहे हैं. जीता टाना भगत ने कहा कि हमारे पूर्वज अंग्रेजों से लड़े. जमींदारों के खिलाफ आंदोलन किया. इसके बाद हमें आजादी मिली. परंतु अब कुछ लोग जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं, जिसे हमलोग पूरा होने नहीं देंगे. बोंडो गांव की जमीन गांव की है और गांव की रहेगी. जमीन पर जो खेती कर रहा है, उसे कोई हटा नहीं सकता है.
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