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गुमला के ढोलवीर गांव में 1978 से मनाया जा रहा रामनावमी, कासांजाम मैदान में लगता है मेला

गांव के समीप कासांजाम मैदान में रामनवमी का मेला लगाया जाता है. पूर्व में मेला नहीं लगता था, परंतु पिछले कई सालों से अब मेला लगने लगा है. बड़कीटोली, नाथपुर, कटिबा, रंगामाटी, डहुडांड़, सड़क टोली, पेटसेरा आदि गांवों के रामनवमी का झंडा मिलान होता है

पालकोट प्रखंड की नाथपुर पंचायत के ढोलवीर गांव में हर साल रामनवमी पर्व पर लगने वाले मेला की तैयारी चल रही है. ढोलवीर गांव में रामनवमी मेला 1978 में शुरू हुई है. रामनवमी पूजा गांव के बुजुर्ग सह पूर्व शिक्षक जगरनाथ सिंह, नाथपुर पंचायत के पूर्व मुखिया बुद्धेश्वर सिंह, वन बिहारी सिंह, आनंद बिहारी सिंह, टेमन सिंह द्वारा रामनवमी की पूजा शुरू की गयी थी. हालांकि वर्तमान में उपरोक्त में से कोई भी नहीं है, परंतु आज भी पूर्व की भांति रामनवमी मनायी जाती है.

वहीं, गांव के समीप कासांजाम मैदान में रामनवमी का मेला लगाया जाता है. पूर्व में मेला नहीं लगता था, परंतु पिछले कई सालों से अब मेला लगने लगा है. बड़कीटोली, नाथपुर, कटिबा, रंगामाटी, डहुडांड़, सड़क टोली, पेटसेरा आदि गांवों के रामनवमी का झंडा मिलान होता है. गांव के बुजुर्ग गंदूरा गोप कहते हैं कि हमलोग रामनवमी की पूजा अपने-अपने घरों में बजरंग बली का झंडा लगा कर करते हैं.

इसके बाद झंडा मिलान के लिए कांसाजाम मैदान जाते थे. इस समय मेला का आयोजन नहीं होता था. बस झंडा मिलान कर झंडा को लेकर अपने-अपने घर आते थे. साथ ही मेला में अखंड हरिकीर्तन का आयोजन किया जाता है. बुजुर्ग चमार साहू कहते हैं कि पूर्व में कांसाजाम मैदान में मेला नहीं लगता था, परंतु अब मेला का आयोजन होने लगा.

मेला की खर्च के लिए घर-घर एक रुपये चंदा लिया जाता है. चंदा का रुपये को प्रज्ञा (उरांव जनजाति) के लोगों को देते हैं. क्योंकि वे मेला में नाच-गान करने आते हैं. इसके अलावा चंदा में सहयोग के रूप में महुआ व धान मिलता था. कमेटी द्वारा उरांव जनजाति के लोगों को सफेद रंग का झंडा दिया जाता था. वर्तमान में मेला कमेटी के लक्ष्मी नारायण गोप, नवल किशोर सिंह, बुद्धेश्वर गोप, बाल गोविंद गोप, वैकुंठ विभूति नाथ सिंह, रवि कुमार, रामधारी सिंह, सुमित, अमित आदि मेला की तैयारी में लगे हैं.

21 मार्च को मंगलवारी जुलूस निकालने का निर्णय

श्री बड़ा दुर्गा मंदिर में केंद्रीय महावीर मंडल गुमला की बैठक अध्यक्ष शशि प्रिया बंटी की अध्यक्षता में हुई. अध्यक्ष ने कहा कि 21 मार्च को मंगलवारी जुलूस निकाला जायेगा. वहीं 29 मार्च को अष्टमी जुलूस व 30 मार्च को रामनवमी का जुलूस निकाला जायेगा. उन्होंने सभी अखाड़ों को शांति व्यवस्था व अनुशासन का पालन करने का निर्देश दिया. अध्यक्ष ने तय समय पर टावर चौक में पहले प्रवेश करने वाले अखाड़ों को पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी.

साथ ही सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली झांकी को केंद्रीय कमेटी के सह सचिव बबलू वर्मा द्वारा पुरस्कार देने का घोषणा की गयी. कमेटी के सचिव राजेश सिंह ने सभी अखाड़ों के प्रमुखों से कहा गया कि जिन अखाड़े को झांकी के लिए ट्रक की जरूरत है, वे यथाशीघ्र सचिव के नाम आवेदन दें, ताकि समय से व्यवस्था की जा सके. मौके पर संरक्षक रमेश कुमार चीनी, निर्मल गोयल, दामोदर कसेरा, अरुण केसरी, दुर्गा गुप्ता, संजय वर्मा, कौशलेंद्र जमुआर, अजय सिंह, संदीप प्रसाद, हरजीत सिंह, गुन्नू शर्मा, रूपक साहू, संजीव कुमार, रोहित उरांव, गौरव केसरी, अमित कुमार सिंह, विकास विक्कू आदि प्रतिनिधि मौजूद थे.

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