23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड : राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु डॉ प्रवीण उरांव का रांची में निधन, कुछ घंटे पहले ही फेसबुक में लिखा ये संदेश

राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु, झारखंड आंदोलनकारी सह आजसू के संस्थापक सदस्य डॉ प्रवीण उरांव का रांची में निधन हो गया. इनके निधन की खबर मिलते ही लोगों में शोक की लहर दौड़ गयी. निधन से पहले प्रवीण उरांव ने फेसबुक पर कई संदेश लिखे.

गुमला, दुर्जय पासवान : राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु, झारखंड आंदोलनकारी सह आजसू के फाउंडर मेंबर डॉ प्रवीण उरांव का रांची स्थित उनके आवास में ह्रदय गति रुकने से मंगलवार को निधन हो गया. निधन से कुछ घंटों पहले डॉ प्रवीण ने फेसबुक में आदिवासी समाज के लिए अपना संदेश लिखा जिसमें सरहुल के महत्व को बताया गया. साथ ही सरना झंडा की पवित्रता का जिक्र किया. इसके अलावा पत्नी प्रोफेसर मंती उरांव के साथ घर (काठीटाड़, रातू) में सरहुल को लेकर बनाये पकवान का फोटो भी शेयर किया है.

Undefined
झारखंड : राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु डॉ प्रवीण उरांव का रांची में निधन, कुछ घंटे पहले ही फेसबुक में लिखा ये संदेश 4

शोक की लहर

इधर, डॉ प्रवीण के निधन की सूचना से गुमला के विभिन्न सामाजिक संगठन व कॉलेज परिवार में शोक कि लहर है. स्वर्गीय प्रवीण उरांव वर्तमान में संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज रांची के एक्जाम कंट्रोलर के पद पर थे. वे राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु भी थे.

Undefined
झारखंड : राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु डॉ प्रवीण उरांव का रांची में निधन, कुछ घंटे पहले ही फेसबुक में लिखा ये संदेश 5

बघिमा स्कूल से की थी प्रांरभिक शिक्षा की शुरुआत

इस संबंध में स्वर्गीय प्रवीण उरांव के जीजा सुखदेव भगत ने बताया कि इनका पैतृक घर रातू महाराजगढ़ काठीटाड़ है. इनका मकान गुमला शहर के लकड़ी डीपू केओ कॉलेज के समीप भी है. प्रवीण उरांव का जन्म एक अगस्त, 1965 में पालकोट प्रखंड के बघिमा में हुआ था. उस समय प्रवीण उरांव के माता-पिता बघिमा बेसिक स्कूल में शिक्षक थे. जिस कारण प्रवीण उरांव का प्रारंभिक पढ़ाई बघिमा स्कूल में हुआ और इंटर की पढ़ाई केओ कॉलेज गुमला से किये. इसी दौरान वे अपने कॉलेज जीवन में डॉक्टर देवशरण भगत, प्रभाकर तिर्की समेत आठ-नौ सदस्यों के साथ मिल कर आजसू पार्टी का गठन किये थे.

Also Read: गुमला में 485 हेक्टेयर भूमि पर होगा पौधरोपण, वन प्रमंडल ने स्थल चयन किया

झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी

प्रवीण उरांव छात्र जीवन के दौरान छात्रों के हित में कई कार्य किये. उन्होंने झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी. वर्तमान में प्रोफेसर प्रवीण की पत्नी मंती उरांव गुमला बीएड कॉलेज में प्रोफेसर के पद में कार्यरत है. उनके निधन पर केओ कॉलेज के प्रभारी प्राफेसर एजे खलखो, प्रोफेसर दिलीप प्रसाद, डॉक्टर सीमा, प्रोफेसर पूनम, प्रोफेसर दीपक प्रसाद, प्रोफेसर तेतरू उरांव, प्रोफेसर प्रेमचंद उरांव, मूली पड़हा के कहतो महेंद्र उरांव, नप अध्यक्ष दीपनारायण उरांव, खतियानी झारखंड पार्टी के केंद्रीय महासचिव रोहित भगत, दिलीप भगत, छोटया उरांव, अह्लाद उरांव समेत गुमला के लोगों ने शोक व्यक्त किया.

निधन से पहले डॉ प्रवीण उरांव ने फेसबुक में लिखा

झारखंड और भारत के आदिवासियों से मेरा निवेदन है कि सरहुल के लिए सरना झंडा रोड में गाड़े हैं. उसे उखाड़ कर सुरक्षित रख लीजिए. क्योंकि सरना झंडा टूटता है. गिरता है. फटता है तो दिल में अच्छा नहीं लगता है. सरहुल शब्द आदिवासियों का कॉमन शब्द है. यह शब्द किसी भाषा या बोली से नहीं आया. कुछ लोग कहते हैं कि हिंदी, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया, कुरमाली भाषा में सरहुल बोला जाता है और संधि विच्छेद करते हैं सर + हुल = सखुवा + क्रांति, जो गलत है. सर + हुल = सिर + क्रांति सही है. मैं झारखंड के सभी जिला में घूमा हूं. कोई भी व्यक्ति बोलचाल की भाषा में भी सर का मतलब सुखवा होता है. बोलते हुए नहीं सुना हूं. सरहुल शब्द में खुली बहस होनी चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel