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Malaria In Jharkhand : झारखंड के इस जिले में मलेरिया का सर्वाधिक प्रकोप, इस जिले में सिर्फ एक मरीज, स्वास्थ्य विभाग की ये है ताजा रिपोर्ट

Malaria In Jharkhand, Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मलेरिया संक्रमितों की संख्या आधी हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के सघन मलेरिया जांच अभियान में जनवरी से दिसंबर-2020 तक कुल 16497 मलेरिया संक्रमित मिले हैं, जबकि वर्ष 2019 में इस दौरान कुल 36731 मलेरिया संक्रमित मिले थे. वर्ष 2020 में सबसे अधिक 9077 मलेरिया संक्रमित पश्चिमी सिंहभूम जिले में तथा सबसे कम (सिर्फ एक) देवघर जिले में मिले हैं, जबकि 2019 में पश्चिमी सिंहभूम में 13136 तथा देवघर में 13 मलेरिया संक्रमित मिले थे. स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया पर ताजा रिपोर्ट जारी की है.

Malaria In Jharkhand, Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मलेरिया संक्रमितों की संख्या आधी हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के सघन मलेरिया जांच अभियान में जनवरी से दिसंबर-2020 तक कुल 16497 मलेरिया संक्रमित मिले हैं, जबकि वर्ष 2019 में इस दौरान कुल 36731 मलेरिया संक्रमित मिले थे. वर्ष 2020 में सबसे अधिक 9077 मलेरिया संक्रमित पश्चिमी सिंहभूम जिले में तथा सबसे कम (सिर्फ एक) देवघर जिले में मिले हैं, जबकि 2019 में पश्चिमी सिंहभूम में 13136 तथा देवघर में 13 मलेरिया संक्रमित मिले थे. स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया पर ताजा रिपोर्ट जारी की है.

वर्ष 2020 में मलेरिया से राज्य भर में आठ मरीजों की मौत हुई है, जबकि वर्ष 2019 में केवल दो मरीजों की मौत हुई थी. मलेरिया से हुई मौत में तीन मौत पश्चिमी सिंहभूम जिले की है.

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झारखंड में भले ही मलेरिया के मरीज कम मिले हैं, पर कुल 16497 संक्रमितों में से 11800 को प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम (पीएफ) मलेरिया होना चिंताजनक है. मलेरिया का यह प्रकार ज्यादा खतरनाक माना जाता है. हालांकि अब इसका उपचार संभव है तथा उपचार के बाद मरीज स्वस्थ भी हो जाते हैं. पिछले वर्ष भी 21898 पीएफ मलेरिया के मरीज मिले थे.

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मलेरिया का बुखार ज्यादातर बारिश के मौसम में होता है. यह एनोफिलीस नामक मादा मच्छरों से फैलता है. मादा एनोफिलीज मच्छर मरीज का रक्त चूस लेते हैं. यही परजीवी युक्त मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह इस रोग से पीड़ित हो जाता है. पीड़ित व्यक्ति के रक्त की जांच में सिर्फ माइक्रोस्कोप पर ही ये देखे जा सकते हैं.

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मलेरिया में लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी) प्रभावित होती है, जिससे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है व मरीज कमजोर होता जाता है. शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री तक बना रहता है. काफी ठंड लगती है व कांपता है. पूरे शरीर व माथे में दर्द, चेहरा लाल रहना, शरीर रूखा पड़ जाना, प्यास लगना, सांस लेने में तकलीफ, जी मिचलाना व उल्टी मुख्य लक्षण हैं.

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किस जिले में कितने मरीज

बोकारो 288

चतरा 173

देवघर 01

धनबाद 32

दुमका 02

पूर्वी सिंहभूम 814

गढ़वा 947

गिरिडीह 465

गोड्डा 584

गुमला 174

हजारीबाग 210

जामताड़ा 16

खूंटी 670

कोडरमा 113

लातेहार 988

लोेहरदगा 68

पाकुड़ 304

पलामू 422

रामगढ़ 35

रांची 143

साहेबगंज 57

सरायकेला 653

सिमडेगा 187

पश्चिमी सिंहभूम 9077

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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