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प्रकृति का दोहन मानव जीवन के लिए खतरा, CM हेमंत बोले- एक-दूसरे को उपहार स्वरूप बुके की जगह दें पौधा

Jharkhand News (रांची) : रांची के कुटे स्थित झारखंड विधानसभा परिसर में 72वें वन महोत्सव का आयोजन हुआ. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ या इनका दोहन करने से होने वाले नुकसान से लोगों को सतर्क किया. यह जीवन के लिए खतरे की घंटी है.

Jharkhand News (रांची) : रांची के कुटे स्थित झारखंड विधानसभा परिसर में 72वें वन महोत्सव का आयोजन हुआ. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ या इनका दोहन करने से होने वाले नुकसान से लोगों को सतर्क किया. यह जीवन के लिए खतरे की घंटी है. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के साथ सीएम श्री साेरेन ने विधानसभा परिसर में पौधरोपण कर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया.

इस मौके पर सीएम श्री सोरेन ने कहा कि भौतिकवादी युग में विकास की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते ना जाने कितनी बार प्रकृति का दोहन किया जा रहा है. पर्यावरण से छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि वर्षों-महीनों जंगलों में आग लगते देखे जाते हैं, तो कहीं नदियां सूख रही है, तो कहीं बाढ़ का प्रकोप, तूफान, बेमौसम बारिश, देश और दुनिया में अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं देखी और सुनी जा रही है. इन सभी आपदाओं का मानव जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

उन्होंने कहा कि ईश्वर ने धरती पर मौजूद जल, जंगल, जमीन मानव सभ्यता एवं जीवन के लिए एक ऐसा प्राकृतिक व्यवस्था के रूप में हमें दिया है जिसके माध्यम से हमसभी लोग अपना जीवन यापन करते हैं. इन प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ अथवा इनका दोहन करना जीवन के लिए खतरे की घंटी है. पर्यावरण और मानव जीवन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना आवश्यक है. सरकार के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी प्रकृति संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है.

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एक-दूसरे को उपहार स्वरूप बुके की जगह दें पौधा

सीएम श्री सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण को लेकर देश एवं दुनिया में कई गोष्ठियां, सेमिनार आदि आयोजित हो रही है. पर्यावरण को लेकर बड़ी-बड़ी संस्थाएं, इंडस्ट्री, सामाजिक संस्थान आदि के लोग चिंतित हैं. झारखंड प्रदेश को प्रकृति ने बहुमूल्य उपहार के रूप में जंगल-झाड़, नदी-झरने, प्राकृतिक सौंदर्य से संवारने का काम किया है. वन-जंगल से आच्छादित यह प्रदेश सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही नहीं जाना जाता है, बल्कि जमीन के ऊपर और जमीन के भीतर खनिज संपदा का भंडार भी हमें प्रकृति ने दिया है.

उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों के इतिहास में यह देखा गया है कि पर्यावरण को हम उतना संरक्षित नहीं कर पाये जितना संरक्षित करना चाहिए था. आधारभूत संरचनाओं के विकास एवं निर्माण कार्यों में बड़ी संख्या में वृक्षों की कटाई हुई है. वृक्षों को कटने से बचाना वर्तमान समय में महत्वपूर्ण है.

सीएम श्री सोरेन ने कहा कि किसी भी कार्यक्रमों में लोग एक दूसरे को उपहार स्वरूप बुके देने का कार्य करते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि बुके की जगह क्यों न हम उपहार स्वरूप एक-दूसरे को पौधा देने का काम करें एवं उस पौधे को संरक्षित करने का संकल्प लें. जीवन में प्रत्येक व्यक्ति अगर एक पेड़ को बचाने संकल्प लें, तो निश्चित रूप से हम पर्यावरण संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता निभा सकेंगे.

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सीएम ने रखा यह सुझाव

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम श्री सोरेन ने अपनी ओर से एक महत्वपूर्ण सुझाव रखा. उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम का एक नया मॉडल बनाया जाये. यह विधानसभा परिसर 50-60 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. उक्त भूमि के अंतर्गत एक फलदार वृक्ष का चुनाव कर लिया जाये और इस परिसर को बगीचा के रूप में विकसित किया जाये, तो यह एक बहुत ही सकारात्मक और अच्छी पहल हो सकती है. रिसोर्सेज जनरेट कर विधानसभा परिसर को एक बेहतरीन बगीचा के रूप में विकसित कर आय का साधन बनाया जा सकता है.

सीएम श्री सोरेन ने कहा कि विधानसभा परिसर को सजाने, संवारने और मेंटेनेंस में सरकार का लाखों रुपये खर्च होते हैं. क्यों न ऐसा मैकेनिज्म तैयार हो कि बगीचा के फलों से इतनी राशि उपलब्ध हो सके कि इस परिसर का पूरा मेंटेनेंस कार्य हो सके. उन्होंने झारखंड विधानसभा देश का पहला ऐसा विधान सभा बने जिसका मेंटेनेंस उसके अपने बगीचे के फंड से हो.

पर्यावरण संतुलन समय की मांग

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संकट मानव सभ्यता के बीच उभरकर आया है. निश्चित रूप से इस संकट से उबरने के लिए हम सभी को आगे आने की जरूरत है. वन-जंगल, पेड़-पौधा का ग्रामीण अर्थनीति में महत्वपूर्ण स्थान है. पेड़ की खेती एक ऐसी खेती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है. पेड़ की खेती को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आय का स्रोत माना जाता है. हाल के दिनों में पूरा विश्व ऑक्सीजन संकट से गुजर रहा था. वृक्षों की कटाई का मानव जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

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राज्य में बिरसा मुंडा हरित ग्राम योजना रिस्पांस सकारात्मक रहा

संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पिछले वर्ष राज्य में बिरसा मुंडा हरित ग्राम योजना की शुरुआत की गयी थी जिसका रिस्पांस अभी तक बहुत ही सकारात्मक रहा है. कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से पेड़ लगाने की अपील की.

मौके पर मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक लंबोदर महतो, दीपिका पांडे सिंह, अनूप सिंह, ममता देवी, बैजनाथ राम, समरी लाल, समीर मोहंती, अमित मंडल, विनोद सिंह सहित अन्य विधायकों ने भी पौधरोपण कर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एल खियांगते, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एनके सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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