गुमला. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तहत जिले में अनाथ व एकल अभिभावक या बिना अभिभावकों वाले बच्चों व विपरीत परिस्थिति में रहने वाले अभिवंचित बच्चों के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय विद्यालय संचालित है, जो अपने स्थायी भवन के अभाव में सिसई प्रखंड स्थित मवि सिसई में चलाया जा रहा है. बच्चों के रहने के लिए कमरे समेत मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने मई 2024 में उपायुक्त गुमला को पत्र देते हुए कहा था कि इस विद्यालय के छात्रावास भवन का निर्माण कस्तूरबा विद्यालय में हो गया है. कस्तूरबा विद्यालय के छात्रावास माघी बालिका उवि सिसई में किया गया है. इस स्थिति में माघी बालिका विद्यालय सिसई अवस्थित नवनिर्मित छात्रावास भवन में नेताजी सुभाष चंद्र आवासीय विद्यालय के बच्चों को शिफ्ट करने का निर्देश देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गुमला को अनुपालन के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया था. परंतु अब तक कुछ भी नहीं हुआ और नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय विद्यालय सिसई के 124 बच्चे मजबूरी में किसी तरह प्रखंड मुख्यालय सिसई के पांच से छह कमरों में रह रहे हैं. जबकि माघी बालिका विद्यालय सिसई में करोड़ों की लागत से बना नया छात्रावास भवन धूल फांक रहा है. उपायुक्त गुमला द्वारा दिसंबर 2024 में इस नेताजी सुभाष विद्यालय को प्रखंड मुख्यालय मध्य विद्यालय सिसई के कमरों से हटाकर माघी बालिका उच्च विद्यालय सिसई के नवनिर्मित छात्रावास में शिफ्ट किये जाने का निर्देश भी दिया गया था. पर जिला शिक्षा विभाग ना तो उपायुक्त की बात सुन रहा है और ना ही झारखंड शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक की. जिसके कारण नेताजी सुभाषचंद बोस विद्यालय सिसई में पढ़ने वाले अनाथ व एकल अभिभावक के बच्चों सहित अभिवंचित वर्ग के सौ से अधिक बच्चे जैसे तैसे रहने को मजबूर हैं.
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