गुमला गुमला शहर के दुंदुरिया स्थित बस डीपू में आयोजित दो दिनी हनुमान शौर्य साधना शिविर का समापन रविवार को हुआ. जोधपुर से आये नंदकिशोर श्रीमाली गुरुजी ने अपने प्रवचन में कहा कि जीवन में गुरु का होना बहुत जरूरी है. गुरु के बिना जीवन अधूरा है. श्रीराम व भगवान कृष्ण का भी गुरु था. इसलिए हमें गुरु के ज्ञान व उनके साधना पर विश्वास कर किसी भी कार्य को करना चाहिए. वे अपने प्रवचनों में गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर जोर देते हैं. वह मानते हैं कि आध्यात्मिक ज्ञान व सिद्धि के लिए एक सच्चे गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है. मंत्र ऊर्जा के माध्यम से कैसे जीवन की परेशानियों को दूर किया जा सकता है और कैसे आत्मिक प्रगति की जा सकती है. वे साधना को केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन का एक अभिन्न अंग मानते हैं. वे कहते हैं कि साधना का लक्ष्य सिद्धि प्राप्त करना है. जिसके लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है. अगर किसी दिन आप सांसारिक कार्यों में व्यस्त होने के कारण पूजा-साधना नहीं कर पाते हैं, तो आपको ऐसा लगना चाहिए कि आपका दिन अधूरा रह गया. हम किसी चीजों को भूल रहे है. कार्य करने के बावजूद दिनचर्या में मन नहीं लगना यह साफ दर्शाता है कि हमें पूजा-साधना निश्चित रूप से करना चाहिए. उन्होंने माता-पिता को सबसे बड़ा गुरु का रूप दिया है. वे बाल्यावस्था से ही हमें बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करते है. साधना शिविर में टाटा नगर से अभय वर्मा की टीम, कोयलाचंल से भगवान दास की टीम, गुमला से रामेश्वर की टीम भी मौजूद थे. मौके पर विनोद कुमार साहू, सुनील सिंह, नवीन सिंह, राहुल राम, बबलू वर्मा, बिनू महतो अनिल पांडेय सहित सैकड़ों की संख्या में सनातन धर्मावलंबी मौजूद थे.
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