21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लीड) अभिभावकों को लूट रहे ह्यनिजी स्कूलह्ण!

लीड) अभिभावकों को लूट रहे ‘निजी स्कूल’! फ्लैग-गुमला जिले में 80 निजी स्कूल हैं, री एडमिशन के नाम पर हो रही है वसूली इंट्रो-गुमला में निजी स्कूलों द्वारा री-एडमिशन व विकास शुल्क के नाम पर हर साल राशि की वसूली होने से अभिभावक परेशान हैं. गुमला में 80 निजी स्कूलों द्वारा लगभग 20 हजार अभिभावकों […]

लीड) अभिभावकों को लूट रहे ‘निजी स्कूल’! फ्लैग-गुमला जिले में 80 निजी स्कूल हैं, री एडमिशन के नाम पर हो रही है वसूली इंट्रो-गुमला में निजी स्कूलों द्वारा री-एडमिशन व विकास शुल्क के नाम पर हर साल राशि की वसूली होने से अभिभावक परेशान हैं. गुमला में 80 निजी स्कूलों द्वारा लगभग 20 हजार अभिभावकों के पॉकेट से हर साल 10 करोड़ की राशि काटी जा रही है. अभिभावक इससे नाराज हैं. अधिक राशि लेने पर रोक लगाने की मांग की है. दुर्जय पासवान, गुमलागुमला में निजी स्कूल अधिक पैसा वसूल रहे हैं. इससे अभिभावक परेशान हैं. सरकार ने री-एडमिशन व विकास शुल्क के नाम पर अधिक पैसा लेने पर रोक लगायी है. इसके बावजूद निजी स्कूल बाज नहीं आ रहे हैं. शिक्षा विभाग के अनुसार, गुमला जिले में 80 निजी स्कूल हैं. इसमें गुमला शहर में पांच बड़े स्कूल हैं. बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में कई तरह की फीस ली जा रही है. हर साल एडमिशन के नाम पर पैसा लेने के अलावा स्कूल में ही दुकान खोल कर पुस्तक, कॉपी, किताब, जूता, मौजा, बेल्ट व बैग बेचे जा रहे हैं. एक बच्चे की फीस छह से दस हजार रुपये ली जा रही है. बच्चों के भविष्य को देखते हुए अभिभावक विवश हैं. डीसी के निर्देश को नहीं मान रहे स्कूलस्कूलों द्वारा अधिक राशि ली जा रही है. इस प्रकार के कई मामले डीसी श्रवण साय के साप्ताहिक जनता दरबार में पहुंचा है. अभिभावकों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा है. इसमें स्कूलों द्वारा ली जा रही मनमानी फीस पर रोक लगाने की मांग की है. डीसी ने इस मसले को लेकर गत दिन विकास भवन में बैठक की थी. उन्होंने निजी स्कूल के संचालकों से अधिक राशि नहीं लेने के लिए कहा था. डीसी के निर्देश को धत्ता बताते हुए निजी स्कूल राशि वसूलने में लगे हुए हैं.डीसी ने दिया डीएसइ को जांच का निर्देशनिजी विद्यालयों की मनमानी पर डीसी श्रवण साय गंभीर हैं. उन्होंने डीएसइ एसडी तिग्गा को निजी स्कूलों की जांच करने का निर्देश दिया है. डीसी ने कहा है कि अगर री-एडमिशन के नाम पर निजी स्कूल राशि वसूल रहे हैं, तो यह गलत है. डीसी ने डीएसइ से सभी स्कूलों द्वारा ली जा रही फीस की रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि लगातार साप्ताहिक जनता दरबार में री-एडमिशन का मामला आ रहा है. कहा कि गुमला के कई निजी स्कूल अपने ही परिसर में दुकान खोल लिये हैं. कॉपी, किताब से लेकर स्कूल ड्रेस, जूता व मोजा भी स्कूल बेच रहे हैं. अभिभावकों से अधिक राशि वसूली जा रही है. कार्रवाई नहीं, तो 11 से भूख हड़तालभाकपा माले के जिला सचिव विजय कुमार सिंह ने डीसी श्रवण साय को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा है कि गुमला जिले में अधिकांश निजी स्कूल अभिभावकों का पॉकेट काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम का गुमला में धज्जी उड़ रहा है. उक्त अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों का स्कूल में दाखिला लेना है. कहा कि अगर 10 अप्रैल तक निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो 11 अप्रैल से उपायुक्त कार्यालय के समक्ष बेमियादी सत्याग्रह व भूख हड़ताल की जायेगी. सिक्यूरिटी मनी के नाम पर कमाईगुमला में कुछ निजी स्कूल सिक्यूरिटी मनी भी लेते हैं. दो से तीन हजार रुपये कटते हैं. बच्चों के भविष्य को देखते हुए कभी -किसी अभिभावक ने इस संबंध में स्कूल प्रबंधन से सवाल नहीं किया. नतीजा है कि स्कूल अपनी मरजी चलाते रहे और अभिभावकों की कमाई पॉकेट से निकालते रहे हैं. अभिभावकों ने सिक्यूरिटी मनी पर भी रोक लगाने की मांग की है. स्कूल में किताब नहीं बेचना हैजेट का आदेश है. किसी भी स्कूल परिसर में किताब व कॉपी की बिक्री नहीं करनी है. इस पर रोक है. स्कूल प्रबंधन भी किसी विशेष दुकान से अभिभावकों को कॉपी व किताब खरीदने के लिए नहीं कह सकते हैं. जेट ने जिले के डीसी को इसका अनुपालन भी करने के लिए कहा है. प्राइवेट टीचरों पर भी दबावअगर कोई शिक्षक निजी स्कूल में प्रतिदिन मेहताना पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो उनके ऊपर भी स्कूल प्रबंधन का दबाव है. एक शिक्षक को साल में कम से कम दस बच्चे को स्कूल में लाकर नामांकन कराना है. यहां भी ली जाती है अवैध राशि स्मार्ट क्लास के नाम पर स्कूल के वार्षिक मैगजीन के नाम पर डायरी, बेल्ट, जूता व बैज स्कूल बेचते हैं. वार्षिकोत्सव के लिए भी राशि ली जाती है समारोह के लिए अलग से ड्रेस खरीदनी है.प्रदर्शनी व अन्य गतिविधि में कटती है राशि प्रशासनिक कमजोरियां वसूली के बाद उपायुक्त गंभीर हुए हैं. शुल्क का छात्र हित में नहीं होता उपयोग. जेट की रोक के बाद भी पैसा वसूले. स्कूलों के खिलाफ नहीं होती कार्रवाई. जिसे जांच करने को मिला, उसने जांच नहीं की. अधिकारियों के बच्चे पढ़ते हैं निजी स्कूल में.लूट का फंडा, कुछ महत्वपूर्ण बातें गुमला जिले में 80 निजी स्कूल संचालित हैं. पांच बड़े निजी स्कूल गुमला शहर में है. निजी स्कूलों में 20 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं. तीन से पांच हजार रुपये अतिरिक्त वसूली. एक स्कूल की फीस छह से दस हजार रुपये हैं. हर साल विकास शुल्क के नाम पर वसूली.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें