– ओमप्रकाश चौरसिया –
गुमला : शुरु से ही चैनपुर उग्रवादियों के निशाने पर है. अप्रैल 13 में भाकपा माओवादियों ने चैनपुर प्रखंड मुख्यालय पर हमला कर घटना को अंजाम दिया था. चार अप्रैल को भाकपा माओवादियों ने चैनपुर बाजार पर हमला कर पांच पुलिस कर्मियों को मार डाला था और हथियार लूट लिये थे.
यह घटना दिन दहाड़े 11 बजे की है. अभी यह घटना अभी थमी भी नहीं थी कि छह अप्रैल को नक्सलियों ने पुन: चैनपुर प्रखंड में मुख्यालय पर धावा बोल कर थाना में जम कर फायरिंग की थी. सफलता नहीं मिलने पर उग्रवादियों ने प्रखंड कार्यालय को उड़ा दिया.
बताते चलें कि मार्च 13 में ही पुलिस ने कुरुमगढ़ के जंगल में नक्सलियों के ठिकाने को घेर कर जम कर बमबारी की थी. जिसमें कई शीर्ष नक्सली मारे गये थे. जिसमें एक जवान भी शहीद हुआ था. काफी दिनों तक चुप्पी साधे रहने के बाद नक्सलियों ने कुरुमगढ़ स्थित नव प्राथमिक मॉडल विद्यालय को बम विस्फोट कर तीन दिसंबर की रात उड़ा दी.
उग्रवादियों का तर्क है कि पुलिस इस विद्यालय को कैंप के रुप में इस्तेमाल करती थी. इससे पूर्व 2001 में उग्रवादियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट कर पुलिस जीप को उड़ा दिया था. जिसमें नौ पुलिस कर्मी शहीद हुए थे. उग्रवादियों ने काफी मात्र में हथियार भी लूटे थे.