गुमला : पहले कई घरों में शौचालय नहीं था. बहू-बेटियां घर के बाहर खेत, झाड़ी, तालाब या नदी के किनारे शौच जाती थीं. अक्सर मनचले लोगों की बुरी नियत रहती थी. गुमला जिले में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी है, जिसमें खुले में शौच गयी बहू बेटियों की इज्जत लूटी गयी है. लेकिन अब समय […]
गुमला : पहले कई घरों में शौचालय नहीं था. बहू-बेटियां घर के बाहर खेत, झाड़ी, तालाब या नदी के किनारे शौच जाती थीं. अक्सर मनचले लोगों की बुरी नियत रहती थी. गुमला जिले में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी है, जिसमें खुले में शौच गयी बहू बेटियों की इज्जत लूटी गयी है. लेकिन अब समय बदल गया है.
शौचालय बनने के बाद अब बहू, बेटियों की इज्जत सुरक्षित है. पहले की अपेक्षा बहू, बेटियां अब अपने को घर के आंगन में स्थित शौचालय में सुरक्षित महसूस करतीं हैं. इतना ही नहीं, शौचालय नहीं रहने के कारण कई बेटियों की शादी रूक गयी थी, लेकिन जैसे ही घर में शौचालय बना, बेटियों की शादी हुई है. बेटों की भी शादी नहीं हो रही थी, परंतु शौचालय बनने से कई घरों में शहनाई बजी है.
गुमला प्रखंड में डुमरडीह पंचायत का केरकी गांव है. आज से एक साल पहले तक इस गांव में किसी के घर में शौचालय नहीं था. पूरा गांव खुले में शौच जाता था. इसी गांव में तीन ऐसा परिवार है, जिनके घर में बेटियों की शादी रूक गयी थी.
कारण, घर में शौचालय नहीं था. इसलिए दामाद ने कहा था, पहले घर में शौचालय बनायें, इसके बाद ही आपके घर की बेटी से शादी करेंगे. हम बात कर रहे हैं केरकी गांव के तीलनाथ सिंह, पूरण सिंह व घुमन सिंह की. इन तीनों की बेटियों की शादी बीच में इसलिए रूक गयी थी कि इनके घर में शौचालय नहीं था.
बाद में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की प्रखंड समन्वयक जयासेन गुप्ता व सामाजिक उत्प्रेरक निशांत पांडेय ने गांव में लोगों के साथ बैठक की. शौचालय के महत्व की जानकारी दी. इसके बाद हर घर की सूची तैयार की, फिर शौचालय बनाने का काम शुरू किया. तीलनाथ, पूरण व घुमन ने भी फार्म भरा. तीन माह पहले इन तीनों के घरों में शौचालय बना. शौचालय बनते ही टल रही शादी की तिथि तय हो गयी. इसके बाद इन तीनों की बेटियों की अलग-अलग तिथि को धूमधाम से शादी हुई. शादी के बाद परिवार के लोगों ने कहा कि शौचालय बनने के बाद हमारे घर में खुशी की शहनाई बजी है.