II दुर्जय पासवान II
गुमला : गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के 100 से अधिक आदिवासियों (सरना धर्मावलंबी) ने कहा है कि हमारे धर्म, संस्कृति, परंपरा से छेड़छाड़ किया गया, तो हम अपना धर्म छोड़कर इस्लाम बनने को तैयार हैं. इसका निर्णय भी हो चुका है. हम अब निर्णय से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
बुधवार को दूसरे दिन भी इन लोगों ने घाघरा के अखड़ा में बैठक की. इसकी अध्यक्षता आदिवासी नेता समीर भगत व भिनेश्वर भगत ने की. बैठक में आदिवासी समुदाय के 100 से अधिक महिला व पुरुष थे. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि घाघरा का देवी मंडप आदिवासियों का है.
लेकिन उस पर दूसरे धर्म के लोग कब्जा करने में लगे हैं. जब हम अपने धर्म व देवी मंडप को बचाने के लिए आवाज बुलंद करते हैं, तो हमें झूठे मुकादमे में फंसाया जा रहा है. इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है. महिलाओं ने कहा कि हमें हमारा धर्म चाहिए, नहीं तो हम इस्लाम कबूल कर लेंगे.
आदिवासी नेता समीर ने कहा, पुलिस नहीं कर रही मदद : आदिवासी नेता समीर भगत ने कहा कि हम अपने धर्म, संस्कृति, धरोहर को बचाने में लगे हैं. लेकिन कुछ लोग हमारे धर्म व धरोहर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन भी हमारी मदद नहीं कर रही है. हमारा धर्म व धरोहर खतरे में है. इसलिए मजबूरन धर्म बदलने का निर्णय लिया गया है.
यह निर्णय तभी वापस हो सकता है, जब प्रशासन आदिवासियों पर हुए झूठे मुकदमे वापस ले. साथ ही देवी मंडप में दूसरे धर्मावलंबी की पूजा पर रोक लगायी जाये. यहां सिर्फ आदिवासी ही पूजा करें. प्रशासन के पास 15 दिन का समय है. 15 दिन में अगर बात नहीं मानी गयी, तो इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे.
15 दिन की मोहलत दी, कहा- हमें प्रशासन सुरक्षा दे
देवी मंडप हमारा है, वहां आदिवासी ही पूजा करेंगे
प्रशासन से नहीं की बात
धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद गुमला से एसडीओ केके राजहंस व एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत घाघरा पहुंचे. अधिकारी आदिवासी नेता समीर भगत से बात करना चाह रहे थे, लेकिन आदिवासी समुदाय के लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए. अधिकारी बैठक स्थल पर गये. लेकिन किसी ने अधिकारियों से बात नहीं की. हालांकि एसडीपीओ ने कहा कि समीर से फोन पर बात हुई है.
जो लोग धर्म बदलने की बात कर रहे हैं, उनसे बात की जा रही है. अभी तक मामला नहीं सुलझा है. मैं खुद 14 जून को घाघरा जाकर लोगों से बात करूंगा.
– नागेंद्र कुमार सिन्हा, डीडीसी, गुमला
