बकाया मजदूरी की मांग करने पर एक मजदूर की हत्या करने के मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. न्यायालय ने आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में आरोपी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. सजायाफ्ता आरोपी की पहचान भूपेन्द्र यादव के रूप में हुई है, जो मेहरमा थाना क्षेत्र के तुलाराम भुस्का गांव का निवासी है. इस मामले में मृतक के पुत्र बिहारी यादव ने मेहरमा थाना में 6 फरवरी 2007 को नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी के अनुसार सूचक के पिता सत्यनारायण यादव ने गांव के बांध पर अभियुक्त भूपेन्द्र यादव के कहने पर मिट्टी कटाई का कार्य किया था. तीन महीने तक काम करने के एवज में भूपेन्द्र यादव ने मात्र 500 रुपये का भुगतान किया. जब सत्यनारायण यादव ने बकाया मजदूरी की मांग की, तो एक दिन पूर्व आरोपी ने उसे अपने दरवाजे से भगा दिया. घटना के अगले दिन दोपहर में जब भूपेन्द्र यादव मृतक के दरवाजे पर पहुंचा, तो दोनों के बीच कहासुनी हो गयी. इसी दौरान भूपेन्द्र यादव ने सत्यनारायण यादव को खींचकर चतुरी यादव के दरवाजे पर ले गया और डंडे से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. इस वारदात में आरोपी की पत्नी रेखा देवी ने भी उसका साथ दिया था. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान आरोपों को सत्य पाते हुए भूपेन्द्र यादव और उसकी पत्नी रेखा देवी के विरुद्ध आरोप पत्र (चार्जशीट) न्यायालय में दाखिल किया. रेखा देवी को फरार घोषित किये जाने के बाद भूपेन्द्र यादव के विरुद्ध मामला सत्र वाद संख्या 162/2017 में परिवर्तित हुआ. न्यायालय में कुल सात गवाहों की गवाही एवं अभिलेख में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी भूपेन्द्र यादव को दोषी ठहराते हुए उपरोक्त सजा सुनायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

