प्रभात संवाद. पेरघोडीह में अतिवृष्टि की वजह से फसल बर्बादी विषय पर किसानों ने रखी राय
पोड़ैयाहाट प्रखंड के पेरघोडीह गांव स्थित सभा भवन के समीप सोमवार को प्रभात खबर की ओर से प्रभात संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी चमकलाल मंडल ने की. इस दौरान ‘अतिवृष्टि की वजह से फसल बर्बादी’ विषय पर गहन चर्चा हुई. किसानों ने बताया कि क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ऊपरी पहाड़ी ढलान एवं लाल मिट्टी की है, जिससे फसलें वर्षा पर निर्भर होती हैं. हर वर्ष यहां लगभग 500 एकड़ भूमि में मकई, उड़द और कुल्थी की खेती होती थी. लेकिन इस बार लगातार भारी बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. किसानों ने कहा कि आमतौर पर बारिश की कमी की शिकायत रहती थी, मगर इस बार बारिश की अधिकता ने खेतों में पानी भर दिया, जिससे ढलान वाले क्षेत्रों और डंगालों में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गयी. धनरोपनी भी कई दिनों की देरी से हो पायी, जिससे उत्पादन पर असर पड़ना तय है. किसानों ने सरकार से फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की. साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया कि फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाये, जिससे प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उन्हें राहत मिल सके. समाजसेवी चमकलाल मंडल ने कहा कि सरकार को गांव-गांव जाकर किसानों की स्थिति का आंकलन करना चाहिए और जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध करानी चाहिए. यह संवाद किसानों की आवाज को मंच देने और नीति-निर्माताओं तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा.किसानों ने कहा —
क्षेत्र में मुख्य रूप से धान और मकई की खेती होती है, लेकिन इस बार भारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ना तो फसल ठीक से लग सकी और ना ही उम्मीदें बचीं.
चमकलाल मंडल
फसल बीमा योजना की बात तो होती है, लेकिन आज तक किसानों को एक रुपया भी बीमा के तहत नहीं मिला. सरकार को किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए.मोतीलाल मंडल
किसानों को अनाज बेचकर खेती करनी पड़ती है. इस बार हजारों रुपये खर्च कर फसल लगायी, लेकिन अधिक वर्षा से सारी मेहनत बेकार हो गई। अब हालात बहुत खराब हैं.
यमुना मंडल
सरकार को चाहिए कि किसानों को आर्थिक सहयोग दे. इस बार अगर बारिश इतनी नहीं होती तो किसानों को अच्छा मुनाफा होता, लेकिन अब केवल नुकसान ही नुकसान हुआ है.बसंत कुमार
घर में एक मुट्ठी अनाज भी नहीं बचा. धान लगाने में सारा पैसा लग गया और अब मकई, उड़द, कुलथी सब बारिश की भेंट चढ़ गये. किसान बेहद आर्थिक संकट में हैं.
कालू दत्त
पिछले महीने से हो रही लगातार बारिश ने अच्छी मकई की फसल को बर्बाद कर दिया है. किसान ने मेहनत की लेकिन अब घाटा ही हाथ लगा है. सरकार को मदद करनी चाहिए.वीरेंद्र मंडल
फसल की बर्बादी से खेतिहर मजदूरों को भी परेशानी हो रही है. मकई और कुलथी जैसी फसलें अगर समय पर होतीं तो हम अपनी स्थिति सुधार सकते थे. बारिश ने सब बर्बाद कर दिया.मंगल मुर्मू
किसान घाटे में जा रहा है और कर्ज में डूबता जा रहा है. सरकार को जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है, ताकि फसल नुकसान की भरपाई हो सके और किसान उबर सकें.पवन कुमार
हर साल कभी सूखा तो कभी अतिवृष्टि किसानों को तबाह कर रही है. ऐसे हालात में सरकार को संवेदनशील होकर किसानों के लिए ठोस सहायता योजना लागू करनी चाहिए.
रविंद्र कुमार मंडलB
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