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ओके::जीर्ण-शीर्ण भवन में चल रहा पथरगामा का सीएचसी -चिकित्सक व कर्मियों की भारी कमी-अस्पताल में बेड की भी संख्या नाकाफीतस्वीर: 114 पथरगामा सीएचसी, 115 से 118 तक रिनेम तस्वीरप्रतिनिधि, पथरगामासामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा में जरूरी सुविधाओं की घोर कमी है. वर्ष 2007 में स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा को पीएचसी से सीएचसी का दर्जा दिया गया था. […]

ओके::जीर्ण-शीर्ण भवन में चल रहा पथरगामा का सीएचसी -चिकित्सक व कर्मियों की भारी कमी-अस्पताल में बेड की भी संख्या नाकाफीतस्वीर: 114 पथरगामा सीएचसी, 115 से 118 तक रिनेम तस्वीरप्रतिनिधि, पथरगामासामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा में जरूरी सुविधाओं की घोर कमी है. वर्ष 2007 में स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा को पीएचसी से सीएचसी का दर्जा दिया गया था. लेकिन इतने दिनों के बाद भी पथरगामा अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर की घोर कमी है. अस्पताल अब भी 1952 में बने पुराने जीर्ण-शीर्ण भवन में चल रहा है. अस्पताल में एक मीटिंग हॉल तक नहीं है.पथरगामा अस्पताल में वर्तमान में तीन चिकित्सक हैं. जिसमे चिकित्सा प्रभारी डॉ पीएन दर्वे, डॉ जयश्री, डॉ आरके पासवान के भरोसे रोगी को चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जा रही है. जानकारी के अनुसार अस्पताल में ड्रेसर का एक पद, बीएम का एक पद, बीपीएम का एक पद, एमटीएस का एक पद, बुनियादी स्वास्थ्यकर्ता का दो पद व स्वास्थ्य प्रशिक्षक का दो पद व स्वास्थ्य प्रशिक्षक का एक पद रिक्त है. अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है. इस कारण यहां के रोगियों को गोड्डा व भागलपुर रेफर कर दिया जाता है. पथरगामा सीएचसी मात्र छह बेड का अस्पताल बन कर रह गया है. अब तक बेडों की संख्या नहीं बढ़ायी गयी है. अस्पताल में सांसद कोटे से एक एंबुलेंस तथा रेड क्राॅस सोसाइटी की ओर से एक एंबुलेंस उपलब्ध है. अस्पताल का विभागीय वाहन नहीं होने से परेशानी होती है. पथरगामा सीएचसी के अंतर्गत 29 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं. जिसमें मात्र 8 उपस्वास्थ्य केंद्र को सरकारी भवन है. 3 केंद्र किराये में व 18 उपकेंद्र सरकारी विद्यालय में संचालित हैं. बसंतराय प्रखंड अलग होने के बावजूद भी पथरगामा सीएचसी के अंतर्गत ही बसंतराय पीएचसी कार्यरत है. जिसमें एक मात्र चिकित्सक डॉ दीपक कुमार पदस्थापित हैं, जो एक माह से स्टडी लीव में है.

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