राकेश ने कहा कि हम लोगों के जीवनयापन के लिए संतुलित भोजन का बहुत महत्व है. यदि हम बीमारी से बचना और दवा नहीं खाना चाहते हैं, तो हम हमें भोजन में हरी साग सब्जी, फल व सलाद को अवश्य शामिल करना चाहिए. कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन युक्त भोजन करें. कहा कि झारखंड के अधिकांश भागों में अमलीय मिट्टी पायी जाती है. मृदा स्वास्थ्य को देखते हुए जांच आवश्यक हो गया है.
मृदा नमूना संग्रह की दी गयी जानकारी
संग्रह उन्होंने मृदा नमूना संग्रह करने की जानकारी दी. कहा कि हम लोगों का मुख्य खाद्य पदार्थ कृषि उत्पादन ही है. कृषि उत्पादन में हमें संतुलित रूप से उर्वरक का प्रयोग कर करना आवश्यक है. कहा कि 5.5 से 6.5 पीएच मान की मृदा अच्छी होती है. उन्होंने मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश व सूक्ष्म पोषक तत्व गंधक कैल्शियम, मॉलिब्लेडिनम, मैंगनीज, बोरोन, तांबा, जिंक, क्लोरीन, आयरन सभी का संतुलित मात्रा में उपयोग करने के लिए मृदा जांच पर जोर दिया. मृदा नमूना संग्रह में सावधानी भी बतायी. कहा कि सूखी व खाली खेतों में नमूना लेना है, जिसमें छाया, खाद व पानी जमने वाली जगह से मृदा नमूना संग्रह नहीं करें. नमूना संग्रहण करने की विधि बतायी. उन्होंने इसके लिए पॉलिथीन व सूचना प्रपत्र के साथ सभी विद्यार्थियों को मृदा नमूना संग्रहण कर विद्यालय लाने के लिए कहा. कहा कि इसके बाद जांच कर स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा. बीटीएम सच्चिदानंद, एटीएम निर्मला रविकर, कृषक मित्र सलीमुद्दीन अंसारी व संदीप यादव ने भी अपने विचार रखे. मौके पर प्रधानाचार्य मो फजलुर्रहमान, शहाबुल्लाह अंसारी, अजय मुर्मू समेत काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
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