मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गांडेय के फुलजोरी से लेकर घाटकुल तक जुलूस निकाला. जुलूस फुलजोरी रेलवे स्टेशन मैदान से निकल कर कारोडीह, प्रतापपुर, पहरीडीह, भंडरकुंडा होते हुए घाटकुल अहारडीह पहुंचा. इस दौरान लोगों ने झारखंड में उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार बंद करने, मदरसा बोर्ड का गठन, झारखंड में मदरसा, आलिम व फाजिल की डिग्री को मान्यता देना होगा, स्कूलों में उर्दू किताबें समय पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने का नारा लगाया.
राज्य में उर्दू के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार
जुलूस के बाद हुई सभा को संबोधित करते हुए सदा-ए-वतन सोसाइटी के मौलाना मो सलीमुद्दीन रिजवी ने कहा कि झारखंड में उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. उर्दू स्कूलों में पहले तो शुक्रवार की छुट्टी बंद कर दी गयी. अब आलिम व फाजिल की डिग्री की मान्यता को रद्द करने में लगी है. उन्होंने कहा कि संविधान में बोलने की स्वतंत्रता प्रदान की गयी है पर यूपी में इस पर पाबंदी लगायी जा रही है. बेकसूरों को पुलिस जेल में डाल रही है. मददगार को वहां जाने से रोका जा रहा है. कहा कि हमें ठेकेदारी नहीं, बल्कि अधिकार चाहिये. यदि सरकार व विधायक इस दिशा में पहल नहीं करते है तो हम सड़क से सदन तक संघर्ष को बाध्य होंगे.
इन्होंने भी किया संबोधित : मौलाना मो अकबर, मौलाना मो नसीम, जुनाब मियां समेत अन्य ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन हाफिज मुख्तार ने की. कार्यक्रम में मुखिया अब्दुल हफीज,मुफ्ती मो सईद, हाजी मो उस्मान, मो सुलेमान, मो सफा, मो ताहिर, मो कलाम, मो शमशेर, मो मुस्तकीम, मो शमशुल, मो जाकिर, मो शमीम, मो अब्बास, ताज हुसैन समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे.राज्यपाल के नाम बीडीओ को सौंपा ज्ञापन : आलिम-फाजिल की डिग्री को मान्यता देने, मदरसा बोर्ड का गठन समेत अन्य मांगों से संबंधित पत्र राज्यपाल के नाम बीडीओ को सौंपा गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

