इस बाबत आरपीएफ उप निरीक्षक लखन देव सिंह ने बताया कि सुरक्षा नियंत्रण कक्ष धनबाद की ओर से गाड़ी सं 13545 अप में एक किशोरी के अकेले सफर में होने की सूचना मिली थी. इसके बाद आरपीएफ के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता अरविंद सिंह से संपर्क किया. उक्त गाड़ी के हजारीबाग रोड स्टेशन पर आने के बाद उप निरीक्षक प्रेमा खेस, उप निरीक्षक लखनदेव सिंह और महिला आरक्षी आरती कुमारी ने नाबालिग लड़की को रेस्क्यू कर रेसुब पोस्ट हजारीबाग रोड पर सुरक्षित लाया गया. पूछताछ में उसने अपना नाम-पता बताया. उसने बताया कि उसकी मां ने उसे किसी बात को लेकर डांट दी थी. फलत: गुस्से में आकर वह भाग कर कहीं जा रही थी. कॉल कर उक्त बच्ची के अभिभावक को सूचित किया गया. शनिवार को उक्त नाबालिग को बाल कल्याण समिति, गिरिडीह की महिला सदस्य भागीरथी देवी को सही सलामत सौंप दिया गया.
किशोर-किशोरी को चाइल्ड लाइन को सौंपा
जमुआ थाना क्षेत्र के एक गांव में किशोर-किशोरी की शादी उनके परिजनों ने करवा दी. सूचना पर बीडीओ अमलजी गांव पहुंचे और दोनों नाबालिग को जमुआ थाना ले आये. जमुआ पुलिस ने दोनों को चाइल्ड लाइन गिरिडीह को सौंप दिया, जहां दोनों की काउंसेलिंग की जा रही है. बीडीओ ने कहा कि शनिवार सुबह सूचना मिला कि एक गांव में नाबालिग प्रेमी युगल की शादी करवा दी गयी है. सूचना और शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

