रैली में अभिभावकों से बच्चियों पढ़ाने की अपील की गयी. इस दौरान बेटी है ईश्वर का वरदान, यह यह देश की पहचान, देश को आगे बढ़ाना है, तो लड़कियों को सशक्त बनाना है तथा बाल विवाह कानूनन अपराध है, आदि नारा गिया गया. कार्यक्रम में बच्चियों का कर स्वागत व पुरस्कृत किया गया.
समाज की रीढ़ होती हैं बेटियां
प्रधानाध्यापक पप्पू कुमार ने कहा कि नारी किसी भी परिवार व समाज की रीढ़ होती हैं, उनके बिना विकास की कल्पना संभव नहीं है. पुरुष पढ़ कर भी अपने बच्चों के शिक्षा के प्रति सजग नहीं होते हैं. जबकि, नारी जन्म से लेकर बाल्यावस्था तक एक बेहतर शिक्षक होती हैं. बेटियों के पढ़ने से तीन पीढ़ियां पढ़ती हैं. हमें उन्हें सम्मान देने की जरूरत है. यह सम्मान हम उन्हें बाल विवाह जैसे बुराई से बाहर निकाल तथा पढ़ने का उचित अवसर देकर कर सकते हैं. इसके लिए नवयुवकों को आगे आना होगा. आयोजन में विप्रस के अध्यक्ष पवन कुमार, शिक्षक विजय शर्मा, शोभरन मंडल, उमेश कुमार, सीमा दास, मो मुस्तकीम आदि ने योगदान दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

