बैठक की अध्यक्षता प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रजेश पांडेय ने की. इसमें शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग, तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा, रेल प्रोजेक्ट, घरेलू हिंसा, पोक्सो एक्ट, दहेज प्रथा, बाल श्रम, बाल विवाह, किशोरावस्था तथा छात्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ. प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अभिभावकों के सकारात्मक सहयोग और विद्यालय के प्रति निष्ठा अनिवार्य बताया.
निर्बल समझना सबसे बड़ा अपराध
कहा कि स्वयं को निर्बल समझना जीवन का सबसे बड़ा पाप है. विद्यार्थियों की सबसे बड़ी पूंजी उनका आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति है. अभिभावकों ने विद्यालय व शिक्षकों के प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया. संचालन संतोष कुमार पांडेय ने किया. मौके पर शिक्षक ओमप्रकाश, श्रीकांत सुमन यादव, संतोष पांडेय, गौरव पांडेय, चंद्रशेखर प्रसाद, मरियम बास्के, जय जगन्नाथ कुमार, सुभाष वर्मा, अमलेश कुमार, भीम यादव, रूपा कुमारी, अभय कुमार, अंकज सहित अन्य उपस्थित थे.
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