आदिम जनजाति बिरहोर के मुकेश बिरहोर पिता रमेश बिरहोर ने मैट्रिक की परीक्षा में 65 प्रतिशत अंक प्राप्त कर ना केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे बिरहोर टोला का नाम रोशन किया है. उसे बनवासी विकास आश्रम ने शुक्रवार को सम्मानित किया. आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने कहा कि संस्था लंबे समय से बिरहोर समुदाय के शैक्षणिक विकास का काम कर रही है. मुकेश की सफलता इसी का परिणाम है. मुकेश का गांव पिपराडीह बिरहोरटंडा का रहने वाला है.
शिक्षा को बनाया लक्ष्य
बचपन से ही आर्थिक तंगी, संसाधनों की कमी और सामाजिक उपेक्षा का सामना करते हुए उसने शिक्षा को अपना लक्ष्य बनाया. उसके पिता रमेश जंगल से लकड़ी, महुआ और मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं. मुकेश की पढ़ाई की शुरुआत टंडा के पास स्थित एक प्राथमिक विद्यालय से हुई. वह कई बार बिना चप्पल व खाली पेट वह स्कूल जाता था. तीसरी कक्षा तक वह बिरहोर भाषा ही बोलता था, लेकिन शिक्षकों और स्वयंसेवकों की मदद से उसने धीरे-धीरे हिंदी में पकड़ बनायी. वह लालटेन की रोशनी में पढ़ता था. स्कूल से लौटकर वह अपने पिता की मदद करता था. कहा कि मुकेश की सफलता ने बिरहोर समुदाय के अन्य बच्चों और अभिभावकों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक किया है. मुकेश की सफलता के पीछे शिक्षकों, ग्राम स्तर के कार्यकर्ताओं और बनवासी विकास आश्रम जैसी स्वयंसेवी संस्थाओं की अहम भूमिका रही.
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