देवरी : गिरिडीह, जमुई पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा चलाये जा रहे अभियान के दौरान भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के भतुआकुरहा व चकाई थाना क्षेत्र के गरुड़बाद से बरामद चार आइइडी के बाद से माओवादी सीमावर्ती इलाके सक्रिय हो गये हैं. नक्सलियों यह पता लगा रहे हैं कि आइइडी की सूचना पुलिस को कैसे मिली. चर्चा है कि माओवादियों द्वारा पुलिस को सूचना देने वाले को चिह्नित करने की जिम्मेदारी हार्डकोर नक्सली सुमा राणा को दी गयी है. सुमा राणा एक दस्ते को लीड कर रही है. अपने दस्ते के साथ सुमा ने बुधवार की दोपहर को झारखंड-बिहार की सीमा पर अवस्थित चकाई थाना क्षेत्र के मंझलाडीह गांव के पास जंगल पहुंचकर कई लोगों से पूछताछ कर आइइडी के बारे में जानकारी ली. वहीं मंझलाडीह जंगल में नक्सलियों द्वारा एक बैठक भी की गयी.
इधर मंझलाडीह के साथ घुठिया व अन्य गांव में भी लोगों से पूछताछ किये जाने की बात कही जा रही है. माओवादियों के मंझलाडीह पहुंचने की सूचना पुलिस व सीआरपीएफ को होने की बात सामने आयी है. जानकारी के बाद पुलिस व सीआरपीएफ माओवादियों के दस्ता में शामिल माओवादी को पकड़ने के लिए घेराबंदी की जा रही है. आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है पुष्टि :विदित हो कि गिरिडीह, जमुई पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त सर्च अभियान के दौरान 5 अप्रैल की सुबह को चकाई थाना क्षेत्र के गरुड़बाद गांव व भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के भातुआकुरहा में 15-15 किलोग्राम के चार शक्तिशाली आइइडी को बरामद किये गये थे. टिन बम के रूप तैयार किये गये चार आइइडी में कुल 97 जिलेटिन, आठ डेटोनेटर, बारह वोल्ट की दो बैट्री, छड़ का टुकड़ा भी था. सिद्धू कोड़ा की मौत का बदला लेना चाहते हैं माओवादी :भाकपा माओवादी झारखंड-बिहार के जोनल इलाके के पूर्व कमांडर सिद्धू कोड़ा की मौत का बदला लेने के लिए भाकपा माओवादी चार आइइडी तैयार किया गया था. चारों बम को ट्रांसप्लांट करने के लिए माओवादियों द्वारा स्थान भी चिह्नित किया जा रहा था. हालांकि इसके पूर्व में ही सीआरपीएफ को मामले की सूचना मिल गयी. विदित हो कि जोनल कमांडर सिद्धू कोड़ा को 22 फरवरी को दुमका से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत में ही सिद्धू कोड़ा की मौत हो गयी थी.