खदान संचालक पक्ष की शिकायत पर 15 नामजद, जबकि ग्रामीणों के पक्ष के आवेदन पर 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. खदान के कर्मी प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा है कि मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे खदान रीतलाल प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में लगभग 200 की संख्या में लाठी-डंडा, भाला, तलवार और पिस्तौल से लैस भीड़ पहुंची. भीड़ खिड़की काटकर अंदर घुसी भीड़ ने कर्मचारियों पर हमला कर दिया. इस दौरान फायरिंग भी कि गयी. घटना में कई कर्मी घायल हो गये. आरोप लगाया है कि भीड़ ने कार्यालय से छह बाइक व अन्य सामान लूटकर चले गये. गंभीर रूप से घायल सुरेश वर्मा को सीएचसी जमुआ और उसके बाद सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गया.
आवेदन में कही यह बात
वहीं ग्रामीण पक्ष की ओर से दिये गये आवेदन में कहा गया है कि दो-तीन साल पहले खदान के काम से गांव का तालाब, कुआं और खेत प्रभावित हो रहे थे. विरोध के बावजूद खनन बंद नहीं किया गया. आरोप लगाया कि 10 नवंबर की शाम खदान पक्ष के कुछ लोगों ने गांव वालों पर हमला किया था. अगले दिन ग्रामीण जब पूछताछ करने गये तो दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई. आवेदन में प्रमोद कुमार व अन्य के साथ मौजूद रिवॉल्वर-लाठी-भाला रखने का आरोप है. इसमें भी गोलीबारी करने और कई ग्रामीणों के घायल होने की बात कही गयी है. पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं, घटना के दूसरे दिन भी खदान के आसपास पुलिस के जवान तैनात रहे.प्राथमिकी दर्ज कर जांच में जुटी है पुलिस : एसडीपीओ
खोरीमहुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि खदान संचालक व और ग्रामीणों के आवेदन के आधार पर दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस टीम पूरे मामले की गहन जांच कर रही है. कहा कि अनुसंधान के क्रम में जो भी तथ्य और प्रमाण सामने आयेंगे, उसके आलोक में पुलिस विधि सम्मत कार्रवाई करेगी. किसी निर्दोष को फंसाया नहीं जायेगा और दोषियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जायेगा.
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