जेपी स्मारक समिति व संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति के बैनर तले सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की 37वीं पुण्यतिथि मवायी गयी. लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. सभी में वक्ताओं ने लोकतंत्र और संविधान पर खतरे से आगाह किया. कहा कि लेह लद्दाख की स्वायत्तता, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने तथा छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर विगत पांच वर्षों से शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे गांधीवादी सोनम वांगचुक को मोदी सरकार ने गिरफ्तार करवाना निंदनीय है. उनको अविलंब रिहाई की जाये.
सोनम वांगचुक को रिहा करने की मांग
जमशेदपुर से आये मंथन ने कहा कि तमाम लोकतांत्रिक अधिकारों पर यह सरकार हमला कर रही है. भाजपा सरकार ने वादा किया था कि लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा दिया जायेगा. इसी मांग की पूर्ति करने के लिए शांतिपूर्व आंदोलन चल रहा था. लेकिन, सरकार ने आंदोलन की ना सिर्फ अनदेखी की, बल्कि आंदोलन को खत्म करने के लिए दमन का रास्ता चुना. इसके प्रतिक्रिया स्वरूप हिंसा हुई. सोनम वांगचुक ने हिंसा की निंदा करते हुए आंदोलन को स्थगित कर दिया. कहा कि हमारे आंदोलन का रास्ता यह नहीं है, फिर भी सरकार ने यूपीए जैसे कानून के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जो एक शर्मनाक है. कहा कि हम सभी उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं. मंच का संचालन करते हुए धरणीधर क्रांतिकारी गीत गाया. रामदेव विश्वबंधु, शंकर पांडेय, रामानंद सिंह, बैजनाथ, कृष्णमुरारी शर्मा सतीश कुंदन समेत अन्य ने भी संबोधित किया. जेपी की प्रतिमा पर मल्यार्पण करने वालों में उदय सिन्हा, राजेश सिन्हा, मुजफ्फर, कृष्णकांत, रितेश, विश्वनाथ आजाद, नीतीश आनंद, हरिनंदन, रविश आनंद, बैजनाथ वर्मा, कौसर अली, सहदेव आदि शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

