गिरिडीह. प्रतिमा विसर्जन के साथ गुरुवार को चैती दुर्गा पूजा संपन्न हो गया. शहरी क्षेत्र व आसपास गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते हुए श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया. इससे पूर्व श्रद्धालु महिलाओं ने मां दुर्गा की खोइछा भराई व सिंदूर लगाने की रस्म को पूरा किया. इस दौरान महिलाओं ने सिंदूर की होली भी खेली. शहर के गांधी चौक के समीप स्थित छोटकी दुर्गा मंडप, कोलडीहा स्थित चैती दुर्गा मंडप, बरगंडा स्थित चैताली दुर्गा मंडप, सेंट्रलपिट दुर्गा मंडप समेत अन्य दुर्गा मंडपों की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को किया गया. प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी सेंट्रलपिट से श्रद्धालु कंधे पर मां दुर्गे की प्रतिमा लेकर निकले. श्रद्धालु जय दुर्गा का जयकारा लगा रहे थे. सेंट्रलपिट से लगभग तीन-चार किमी की दूरी तय करके बरवाडीह, बड़ा चौक होते हुए श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन मानसरोवर तालाब बरवाडीह में किया. श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी. इधर, कोलडीहा के चैती दुर्गा मंडप में गुरुवार शाम को सिंदूर लगाने महिलाओं की भीड़ उमड़ी. शाम को यहां ढोल-ताशे की धुन पर श्रद्धालुओं ने लाठी खेल का प्रदर्शन किया. नाचते-गाते श्रद्धालुओं ने मां को विदाई दी. मानसरोवर तालाब में प्रतिमा विसर्जन को लेकर मानसरोवर तालाब प्रतिमा विसर्जन समिति के बाबुल प्रसाद गुप्ता भी श्रद्धालुओं की मदद कर रहे थे. वहीं सुरक्षा को लेकर एसडीपीओ विनोद रवानी, मुफस्सिल व नगर थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो व शैलेश प्रसाद लगातार जवानों के साथ गश्त लगा रहे थे.
प्रतिमा विसर्जन के साथ चैती दुर्गा पूजा संपन्न
तिमा विसर्जन के साथ गुरुवार को चैती दुर्गा पूजा संपन्न हो गया.
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