– प्रयोग : झारखंड के गीजूभाई बधेका बनने के रास्ते पर डुमरी का एक प्राइवेट टीचर
– सोशल मीडिया में वायरल ‘नुनू रे पांचों गो भावेल एइआइओयू बाकी सब कोन्सोनेंट होवे रे’ के मुरीद हुए कुमार विश्वास
– डुमरी प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित गुलीडाडी गांव के रहनेवाले हैं निजी शिक्षक, डीएलएड का है प्रशिक्षु
अमरनाथ सिन्हा, गिरिडीह
क्या आपने गिरिजाशंकर भगवानजी बधेका का नाम सुना है? बच्चों का सही विकास करते हुए देश का आदर्श नागरिक बनाने के लिए शिक्षा में बाल कहानियों व लोक कथाओं का उनका प्रयोग काफी सफल रहा. बाद के दिनों में तो बीएड की पढ़ाई में केस स्टडी के रूप में गुजराती के इस महान लेखक व शिक्षा शास्त्री को पढ़ाया जाने लगा.
गिरिडीह के डुमरी प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित गुलीडाडी गांव के परमेश्वर यादव प्राथमिक शिक्षा में अपने ऐसे ही प्रयोग के कारण आज बिग बी व कुमार विश्वास के चहेते बन गये हैं. डीएलएड के प्रशिक्षु परमेश्वर खोरठा के प्रिय लोकधुनों में अंग्रेजी व गणित के पाठ को पिरोकर बच्चों को पढ़ाते हैं. पढ़ाने का उनका मनमोहक अंदाज न सिर्फ बच्चों के लिए पाठ को सहज व रोचक बनाता है, बल्कि सोशल मीडिया में वायरल इन पाठों से दिनों दिन उनकी लोकप्रियता भी बढ़ रही है.
‘एबीसीडी 26 अक्षर 26सों अक्षर एलफाबेट होवे रे, नुनू रे पांचों गो भावेल एईआइओयू बाकी सब कोन्सोनेंट होवे रे’ गिरिडीह के एक निजी विद्यालय के शिक्षक व डीएलएड के ट्रेनी के गाये गये इस गीत ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन व कवि कुमार विश्वास को काफी प्रभावित किया. कवि कुमार विश्वास ने शिक्षक के गीत का एक वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर अपलोड किया है तो उसे महानायक अमिताभ ने शेयर करते हुए साथ में प्रणाम किया है.
यह शिक्षक डुमरी प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित गुलीडाडी गांव का रहनेवाला परमेश्वर यादव है. परमेश्वर गांव के ही आरपी पब्लिक स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं तो अभी डीएलएड की ट्रेनिंग भी कर रहे हैं. परमेश्वर खुद के द्वारा तैयार किये गये स्थानीय भाषा के गीत को गाकर बच्चों को पढ़ाते हैं.
काश कि हमें ‘Vowels” और “Consonants” ऐसे किसी म्यूज़िकल गुरु जी ने पढ़ाए होते तो हम भी आज @ShashiTharoor बाबू की तरह फ़र्राटे मार के अंग्रेज़ी बोल रहे होते 😢😍😜👍 pic.twitter.com/Pb8M0tvXdC
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 10, 2019
सोशल मीडिया से परमेश्वर की कला आयी सामने
डुमरी प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित गुलीडाडी गांव निवासी परमेश्वर गीत के माध्यम से बच्चों के पढ़ाने के मामले में जिला ही नहीं देशभर में चर्चित हो रहे हैं. परमेश्वर इन दिनों डीएलएड का प्रशिक्षण ले रहे हैं. गिरिडीह के प्लस टू उच्च विद्यालय में उसका सेंटर है. कुछ दिनों पूर्व प्रशिक्षण के दौरान उसने मौजूद प्रशिक्षु शिक्षकों व प्रशिक्षकों के सामने बच्चों को गीत गाकर अंग्रेजी पढ़ाने का तरीका बताया.
मधुर स्वर में गाये गये इस गीत व बीच-बीच में अंग्रेजी के अलफाबेट का विस्तार ब्लैकबोर्ड पर लिखने की कला से सभी शिक्षक प्रभावित हुए और एक शिक्षक ने इसे अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. इस वीडियो पर कवि कुमार विश्वास की नजर पड़ी और वे अपने आप को इस वीडियो को अपने ट्यूटर एकाउंट पर अपलोड करने से रोक नहीं सके. बाद में इस वीडियो पर सदी के महानायक अमिताभा की नजर पड़ी तो उन्होंने भी इसे अपने ट्विटर पर टैग कर दिया.
क्या कहा कुमार विश्वास ने
वीडियो को अपलोड करने के दौरान कुमार विश्वास ने कहा कि काश हमें भावेल और कोन्सोनेंट ऐसे किसी म्यूजिकल गुरुजी ने पढ़ाये होते तो हम भी आज शशि थरूर बाबू की तरह फर्राटे मारके अंग्रेजी बोल रहे होते’ वहीं वीडियो के अपलोड होने के बाद सुरभी दबराल नामक एक युवती ने अपने कमेंट में कहा है कि सलाम है ऐसे गुरुजनों को जो पढ़ाई को आसान और मजेदार बनाते हैं. वहीं, इस वीडियो को पांच दिनों पूर्व टैग करते हुए अमिताभ ने प्रणाम किया है.
नये तरीके से पढ़ाने से बच्चे होते हैं प्रभावित
परमेश्वर का कहना है कि वह सौभाग्यशाली है कि सदी के महानायक व कवि कुमार विश्वास ने उसे प्रोत्साहित किया है. कहा कि इस तरह से गीत के माध्यम से बच्चों को जब वे पढ़ाते हैं तो बच्चों को भी पढ़ने में मन लगता है. कहा कि उनकी इच्छा है कि सुदूरवर्ती इलाके के बच्चे भी अंग्रेजी सीखे और खुद को आगे बढ़ायें.
बचपन से नये तरीके से गीत गाकर पढ़ता रहा है
लीडाडी गांव में गरीब परिवार से सरोकार रखनेवाले परमेश्वर ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई विज्ञान से की थी. गिरिडीह कॉलेज से इंटर की पढ़ाई करने के बाद यहीं से उन्होंने अंग्रेजी में स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की. किसान फागु महतो के पुत्र परमेश्वर की शादी 2007 में गिरिडीह के करमाटांड़ निवासी सबिता देवी के साथ हुई है. दोनों के तीन बच्चे हैं. अमिताभ व कुमार विश्वास द्वारा परमेश्वर को प्रोत्साहित करने के बाद उसके घर के साथ-साथ गांव वाले भी काफी खुश हैं.
परमेश्वर की मां तिलकी देवी कहती है जब बचपन में परमेश्वर स्कूल जाता था तो शिक्षक अक्सर इसे सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने को कहते और वह कार्यक्रम में गीत गाते थे. पत्नी सबिता कहती है कि उसे विश्वास भी नहीं कि इतने बड़े कलाकार ने उसके पति को प्रोत्साहित किया है. बताया कि वह अभी गांव के निजी स्कूल में पढ़ाता है और बच्चों को टयूशन भी देता है.
कई लोगों का मिला है सहयोग
परमेश्वर बताते हैं कि नये तरीके से शिक्षा देने की कोशिश को उसके गांव के लोग भी काफी अच्छा मानते हैं. वह गांव के बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना चाहता है. बताया कि डीएलएड का प्रशिक्षण वे जिस विद्यालय से ले रहे हैं वहां के को-ऑर्डिनेटर सुशील कुमार, विजेंदर सर, सम्पूर्णानंद तिवारी, निर्मला मेम, शीतल मेम व उसके बड़े भाई मुकेश कुमार का भी उन्हें काफी सहयोग मिल रहा है.