प्रतिनिधि, गढ़वा लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही संपन्न हो गया. मंगलवार को अहले सुबह झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के आवास पर उदीयमान सूर्य को अर्घ दिया गया. जबकि सोमवार की संध्या अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया गया था. पूर्व मंत्री भगवान सूर्य को अर्घ देकर सभी के कल्याण और झारखंड की समृद्धि की कामना की. उन्होंने कहा कि उदीयमान सूर्य हमें निरंतर कर्तव्यपथ पर अग्रसर रहने की प्रेरणा देते हैं. छठ महापर्व हमारी आस्था, संस्कार और आत्मबल का प्रतीक है. उगते सूर्य को अर्घ देने का धार्मिक के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है.धार्मिक रूप से यह सूर्य देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने, पापों से मुक्ति पाने और आत्मिक शुद्धि के लिए किया जाता है. ज्योतिषीय रूप से यह कुंडली में सूर्य को मजबूत करता है. जिससे सफलता और आत्मविश्वास मिलता है. वैज्ञानिक रूप से सूर्य की पहली किरणें स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती हैं और ऊर्जा प्रदान करती हैं. उन्होंने कहा कि इस महापर्व का बड़ा धार्मिक महत्व है. सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है और उन्हें अर्घ देने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि अर्घ देने से पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है. छठ पूजा में उगते सूर्य को अर्घ देने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है. उन्होंने कहा कि छठी मईया व सूर्य देव के आशीर्वाद से गढ़वा सहित पूरे देश में सुख, शांति, समृद्धि, खुशहाली हो. देश की एकता व अखंडता बनी रहे, ऐसी वे प्रार्थना करते हैं. मौके पर पूर्व मंत्री के परिजन सहित काफी संख्या में गढ़वा वासी मौजूद थे.
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