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शहीद का शव देख हजारों आंखें हुईं नम

गढ़वा : 24 अप्रैल सोमवार का दिन गढ़वा थाना के गरनाहा गांव के लिए काफी मायूस दिन निकला़ जब इस गांव के एक बहादुर बेटे की शहादत छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले में हो गयी थी़ मोबाइल के माध्यम से जब गांव में आशीष के परिजनों से सीआरपीएफ के अधिकारियों ने संपर्क किया, […]

गढ़वा : 24 अप्रैल सोमवार का दिन गढ़वा थाना के गरनाहा गांव के लिए काफी मायूस दिन निकला़ जब इस गांव के एक बहादुर बेटे की शहादत छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले में हो गयी थी़ मोबाइल के माध्यम से जब गांव में आशीष के परिजनों से सीआरपीएफ के अधिकारियों ने संपर्क किया, तो एक पल के लिए किसी को इस सूचना पर विश्वास नहीं हुआ़
नक्सली हमले में दर्जनों सीआरपीएफ के जवानों की मौत में आशीष के भी शहीद होने की खबर मिलते ही लोग मोबाइल पर अपने-अपने स्तर से इस सूचना को कनफर्म होने के प्रयास में जुट गये़ लोगों ने जब टीवी व रेडियो से समाचार को जानने का प्रयास किया, तो सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सुकमा के नक्सली हमले की खबर प्रमुखता से प्रसारित होते देख लोगों को इस अनहोनी घटना पर विश्वास करना पड़ा़ आशीष के घर में चूंकि उनके पिता अथवा पुरुष में कोई बालिग नहीं रहने के कारण उनकी पत्नी आशा देवी को सूचना देने में भी लोगों को साहस नहीं हो पा रहा था़ विदित हो कि आशीष का भाई चंदन सिंह भी आइटीबीपी का जवान है, जो इस समय चंडीगढ़ में कार्यरत है़
जबकि पत्नी आशा देवी अपने दो बच्चों के साथ मेदिनीनगर में किराये के मकान में रहती थी. घटना के समय वह मेदिनीनगर में ही थी़ सूचना िमलने के बाद आशा देवी को गरनाहा लाया गया.मंगलवार को शाम 5.30 बजे जब शहीद का शव गरनाहा पहुंचा, तो शहीद की पत्नी बार-बार लोगों से अपने पति का चेहरा देखने का आग्रह कर रही थी़ इसके बाद सीआरपीएफ के लोगों ने शहीद आशीष का चेहरा उनकी पत्नी को दिखाया़ उसके चित्कार से पूरा गरनाहा गांव में मातम छा गया़

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